Mokshada Ekadashi Upay: मोक्षदा एकादशी के दिन दीपक के ये 4 चमत्कारी उपाय दिलाएंगे हर संकट से मुक्ति, जानें एकादशी व्रत की सही तारीख

Mokshada Ekadashi Upay: मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को की जाती है। माना जाता है कि इस दिन एकादशी का व्रत करने से सभी भक्त पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में शुभता बढ़ती है।

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 7:00 AM
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मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं।

Mokshada Ekadashi Upay: एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के व्रत को भगवान विष्णु की कृपा पाने का सबसे सरल उपाय माना जाता है। एक हिंदू वर्ष में 24 एकादशी तिथियां आती हैं, यानी प्रत्येक माह में दो एकादशी। एक कृष्ण पक्ष में और शुक्ल पक्ष में। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, इस एकादशी का व्रत करने वाले भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में शुभता बढ़ती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मार्गशीर्ष माह की मोक्षदा एकादशी मोक्ष, सौभाग्य और समृद्धि का द्वार मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिन दीपक से जुड़े कुछ उपाय करने से जीवन के बड़े से बड़े कष्टों को दूर हो जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद भारद्वाज कहते हैं दीपक की रोशनी अंधेरे को ही नहीं, मन के भय, दुख और आर्थिक संकट को भी दूर करती है।

मोक्षदा एकादशी तारीख

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि 30 नवंबर की रात 9 बजकर 29 मिनट से लेकर 1 दिसंबर 2025 की शाम 7 बजकर 01 मिनट बजे तक रहेगी। उदिया तिथि के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर को रखा जाएगा।

मोक्षदा एकादशी पर जरूर करें दीपक के ये उपाय


  • मोक्षदा एकादशी की रात मुख्य द्वार पर एक दीपक जरूर रखना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर होती है और घर में शुभता, शांति और समृद्धि आती है। यह दीपक घर के रक्षा कवच की तरह काम करता है।
  • मोक्षदा एकादशी की शाम भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाना बहुत शुभ माना गया है। ऐसा करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और उनमें में तेजी आती है।
  • इस दिन तुलसी के पौधे के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाना धन और सुख में वृद्धि का प्रतीक माना गया है। इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा को स्थायी रूप से बनाए रखता है।
  • पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का भी विशेष महत्व है। यह उपाय पितरों की कृपा प्राप्त कराने वाला माना जाता है। इसके साथ ही लंबे समय से चल रहे दुखों, तनाव और बाधाओं का अवसान होता है।

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