Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रा के बीच होगी पूजा, इस दिन कर लें किस्मत बदलने वाले ये 5 उपाय

Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में शांति के साथ सुख-समृद्धि का वास होता है। इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भद्रा काल रहेगा। इस दिन ये पांच उपाय जीवन की धारा बदल देते हैं।

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 12:03 PM
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इस दिन ये 5 किस्मत बदलने वाले उपाय जरूर करने चाहिए।

Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा साल 2025 की अंतिम पूर्णिमा होगी। इस दिन का धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। यह माह भगवान श्री कृष्ण का प्रिय है। इस दिन पूजा-पाठ और दान करने से घर में सुख-शांति आती है और जीवन में तरक्की मिलती है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, इस दिन लक्ष्मी और नारायण की पूजा करने से घर धन-धान्य से भरा रहता है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। शाम को चंद्रोदय के बाद उन्हें अर्घ्य अर्पित करने से दुख और दरिद्रता जीवन से दूर रहते हैं। इस दिन ये 5 उपाय जरूर करने चाहिए। ये किस्मत बदलने वाले उपाय हैं। लेकिन इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भद्र लग रही है। ऐसे में भद्रा काल के बीच पूजा कैसे होगी? आइए जानें

मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर को सुबह 08:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन 5 दिसंबर को प्रात: 04:43 बजे तक रहेगी। मार्गशीर्ष पूर्णिमा की उदयातिथि इस बार प्राप्त नहीं हो रही है। इसलिए चंद्रोदय के आधार पर मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि तय होगी, क्योंकि इस दिन पूर्णिमा के चांद को अर्घ्य दिया जाता है। पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय 4 दिसंबर को होगा, इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान भी 4 दिसंबर को ही होगा।

भद्रा का समय

ज्योतिष गणना के अनुसार, इस दिन सुबह में 8 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक भद्रा का साया भी रहने वाला है। हालांकि भद्रा का वास स्वर्ग लोक में रहने वाला है। इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें ये 5 उपाय


  • इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और पूरे दिन मन शांत व खुश रहता है।
  • घर में एक साफ स्थान पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें। भगवान को चंदन, फूल और माला अर्पित करें। देवी लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और आरती करें।
  • पूजा के बाद विष्णु चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। मन ही मन शांति और समृद्धि के लिए मंत्रों का जाप करें। फल, मिठाई और प्रसाद चढ़ाने से परिवार में प्रेम, सुख और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
  • पूर्णिमा के दिन आटे का दीपक बनाकर उसमें तिल का तेल भरें। सुबह पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। दीप जलाते समय अपनी मनोकामना मन में कहें। इस उपाय को बहुत फलदायी माना जाता है।
  • पीपल के नीचे तिल का दीपक जलाने से आर्थिक परेशानियां धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। कहा जाता है कि यह उपाय रुके हुए कामों को भी आगे बढ़ाता है और जीवन में सफलता दिलाता है।

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