Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, जानें तारीख, समय और उपाय

Paush Amavasya 2025: हिंदू धर्म में पौष के महीने का विशेष स्थान है। ये माह पितरों के लिए तपर्ण करने के उद्देश्य से अहम माना जाता है। कहते हैं इस माह में कुछ उपाय करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। आइए जानें पौष अमावस्या की तारीख, पूजा का मुहूर्त और पितृ दोष मुक्ति के उपाय

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 9:42 PM
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पौष अमावस्या पर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दीया जलाएं और अपने पूर्वजों को याद करें।

Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या हिंदू वर्ष में आध्यात्मिक रूप से सबसे पवित्र दिनों में से एक है। पौष अमावस्या पुरखों की याद में तर्पण और श्राद्ध की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होती है। माना जाता है कि इस अमावस्या पर दान-पुण्य और पितरों की पूजा करने से न सिर्फ गुजरी हुई आत्माओं को शांति मिलती है, बल्कि परिवार में खुशहाली भी बनी रहती है। पौष अमावस्या पर पितृ दोष के उपाय करने से जीवन में बेवजह आ रही रुकावटें दूर होती हैं और अनजानी मुश्किलों से राहत मिलती है। इसके साथ ही जीवन में शांति और तरक्की आते हैं। इस साल पौष अमावस्या शुक्रवार, 19 दिसंबर, 2025 को मनाई जाएगी।

पौष अमावस्या तारीख

अमावस्या तिथि शुरू : शुक्रवार, 19 दिसंबर, 2025 को सुबह 4:59 बजे

अमावस्या तिथि खत्म : शनिवार, 20 दिसंबर, 2025 को सुबह 7:12 बजे

पौष अमावस्या की पूजा विधि


  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।
  • सूर्य को अर्घ्य दें।
  • दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके अपने पितरों का तर्पण करें।
  • आपको सुबह पीपल के पेड़ पर भी जल चढ़ाना चाहिए।
  • शाम को, पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं और उसकी 5 या 7 परिक्रमा करें।
  • गरीबों या ब्राह्मण को खाना, अनाज, काले तिल, कंबल या कपड़े दान करें।
  • अगर हो सके, तो व्रत रखें और भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करें।

पौष अमावस्या पर पितृ दोष के उपाय

तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध करें : पौष अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध करने से उन्हें शांति मिलती है और पितृ दोष कम होता है।

तिल और अनाज दान करें : पितरों से जुड़े कर्मकांड में तिल का खास स्थान है। पौष अमावस्या के दिन इसे दान करना शुभ माना जाता है।

पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाएं : माना जाता है कि शाम को सरसों के तेल का दीया जलाकर पेड़ की परिक्रमा करने से पूर्वजों की बाधाएं कम होती हैं और आशीर्वाद मिलता है।

घर में दक्षिण दिशा में दीया जलाएं : शाम को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके दीया जलाएं और अपने पूर्वजों को याद करें। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में शांति और स्थिरता आती है।

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