Mahashivratri 2026: नए साल में फरवरी में मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का पर्व, जानें पूजा का मुहूर्त और व्रत की तारीख

Mahashivratri 2026: महाशिवरात्रि का पर्व माता पार्वति और भगवान शिव को समर्पित होता है। ये त्योहार हर साल फाल्गुन मास में मनाया जाता है। इस दिन को शिव-पार्वती की कृपा पाने के सबसे सरल माध्यम के रूप में जाना जाता है। जानिए नए साल में ये व्रत किस दिन मनाया जाएगा और इसकी पूजा विधि

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 7:32 PM
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महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

Mahashivratri 2026: महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह शिव और शक्ति के मिलन का एक पर्व है, जो पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और व्रत करते हैं। देशभर के शिवालयों में इस दिन सुबह से ही भीड़ लग जाती है। शिवलिंग की पूजा से लेकर रुद्राभिषेक तक इस दिन के मुख्य अनुष्ठान होते हैं। इस दिन को मां पार्वती और भगवान शिव की कृपा पाने के सरल मार्ग के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानें नए साल यानी साल 2026 में महाशिवरात्रि का पावन पर्व किस दिन मनाया जाएगा और इसके लिए पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा ?

महाशिवरात्रि की तारीख

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 15, 2026 को शाम 05:04 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त - फरवरी 16, 2026 को शाम 05:34 बजे

महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त

शिवरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में करने का विधान है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। साल 2026 में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 15 फरवरी 2026 को शाम 5 बजकर 4 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 16 फरवरी को साम 5 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस प्रकार महाशिवरात्रि रविवार, 15 फरवरी 2026 को मनाई जाएगी।


महाशिवरात्रि के दिन पूजा का मुहूर्त

महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त - रात 12 बजकर 9 मिनट से देर रात 1 बजकर 1 मिनट तक

शिवरात्रि पारण समय - 16 फरवरी सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 3 बजकर 24 मिनट तक

महाशिवरात्रि के दिन रात के चारों प्रहर पूजा के लिए ये मुहूर्त हैं -

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 6 बजकर 11 मिनट से रात 9 बजकर 23 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 9 बजकर 23 मिनट से देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक (16 फरवरी)

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - देर रात 12 बजकर 35 मिनट से प्रातः 3 बजकर 47 मिनट तक (16 फरवरी)

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - प्रातः 3 बजकर 47 मिनट से सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक (16 फरवरी)

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि का महापर्व भगवान शिव और शक्ति के मिलन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म में मुख्य व्रत-त्योहारों में से एक है। इस दिन शिव भक्त पूरे दिन व्रत करते हैं और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों समान रूप से करते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव सच्चे मन से ये व्रत करने वाले अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह भी मान्यता है कि अगर कुंवारी लड़कियां इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करती हैं, तो उन्हें मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति हो सकती है।

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