Basant Panchami 2026 Date: नए साल में कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी? जानें बसंत पंचमी की तारीख और पूजा मुहूर्त

Basant Panchami 2026 Date: बसंत पचंमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। ये दिन छात्रों और कलाकारों और किसानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। नए साल में ये पर्व किस दिन मनाया जाएगा और पूजा का मुहूर्त क्या होगा? आइए जानें इसके बारे में सब कुछ

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 6:00 PM
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वर्ष 2026 में बसंत पंचमी का पावन पर्व 23 जनवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा।

Basant Panchami 2026 Date: बसंत पंचमी के दिन स्वर और विद्या की देवी मानी जाने वाली मां सरस्वती की पूजा की जाती है। ये दिन छात्रों, कलाकारों और किसानों के लिए विशेष रूप से अहमियत रखता है। इसके साथ ही ऋतु बदलने का भी संकेत होता है। ऋतुओं के राजा बसंत के आगमन का संकेत देता है, इस पर्व के बाद से सर्दियों का मौसम विदा लेता है और गर्मियों के मौसम की धीरे-धीरे शुरुआत होती है। मां सरस्वती को समर्पित इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और माता को पीले रंग की फल, मिठाई और अन्य चीजें अर्पित करते हैं।

सर्दियों के समापन और बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक यह पर्व पूरे भारत में उमंग और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा के कारण इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

नए साल में इस दिन मनाया जाएगा बसंत पंचमी का पर्व

वर्ष 2026 में बसंत पंचमी का पावन पर्व 23 जनवरी, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इसी दिन देशभर में मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

पूजा का समय : सुबह 7:15 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक


कुल अवधि : लगभग 5 घंटे 36 मिनट

तिथि का आरंभ : 23 जनवरी को सुबह 2:28 बजे

तिथि का समापन : 24 जनवरी को सुबह 1:46 बजे

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, प्रकृति और नई शुरुआत का सुंदर संगम है। यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है। यह दिन किसानों के लिए भी शुभ संकेत लेकर आता है, क्योंकि यह फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। किसान अच्छी पैदावार और समृद्धि की कामना करते हैं। मां सरस्वती को परम ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन उनकी आराधना करने से जीवन ज्ञान के प्रकाश से रोशन होता है और सकारात्मकता आती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी का संबंध प्रेम के देवता कामदेव और रति से भी है, इसलिए यह दिन प्रेम, सौहार्द्र और खुशियों का संदेश देता है।

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