Pradosh Vrat 2026: प्रदोष व्रत से शुरू होगा नया साल, 01 जनवरी को शिव-विष्णु के पूजन का दुर्लभ संयोग

Pradosh Vrat 2026: नया साल 2026 बहुत शुभ संयोग लेकर आ रहा है। इसकी शुरुआत गुरु प्रदोष व्रत से होगी। साथ ही, इस दिन शिव-विष्णु की पूजा का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। आइए जानें इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि क्या रहेगी

अपडेटेड Dec 20, 2025 पर 3:41 PM
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पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि गुरुवार 01 जनवरी को पड़ रही है।

Pradosh Vrat 2026: इस बार नए साल 2026 की शुरुआत बेहद शुभ संयोग में हो रही है। एक तो इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का दुर्लभ संयोग बन रहा है। दूसरा, इस दिन साल का पहला और पौष माह का अंतिम प्रदोष व्रत भी किया जाएगा। इस दिन गुरुवार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। लेकिन प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इसलिए इस दिन जगत के पालनहार और संहारक हरि-हर की पूजा का अत्यंत दुर्लभ संयोग बन रहा है। बता दें, प्रदोष व्रत हिंदू माह में दो बार किया जाता है, कृष्ण और शुक्ल पक्ष में। पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि गुरुवार 01 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन गुरुवार होने की वजह से यह गुरु प्रदोष व्रत होगा। आइए जानें इस दिन से जुड़े विधि-विधा और शुभ मुहूर्त के बारे में।

साल का पहला प्रदोष व्रत

साल 2026 का पहला प्रदोष व्रत 1 जनवरी गुरुवार को है। नए साल की शुरुआत प्रदोष व्रत से हो रही है। उस दिन पौष शुक्ल त्रयोदशी तिथि है, जो मध्यरात्रि 01:47 बजे से लेकर रात 10:22 बजे तक रहेगी।

01 जनवरी 2026 प्रदोष व्रत

1 जनवरी 2026, गुरुवार के दिन सुबह के समय भगवान विष्णु की पूजा करके नए वर्ष की शुरुआत करना उत्तम रहेगा। इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग गुरु ग्रह और भगवान विष्णु दोनों को प्रिय है। पूजा में पीले फूल, चने की दाल, केले या पीले रंग की मिठाई का भोग अर्पित किया जा सकता है। इसके साथ ही ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।

पूजा का मुहूर्त और विधि


नए साल पर शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करें। प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद तक माना जाता है। इस दौरान शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भांग और फल अर्पित करें। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करें और अंत में भगवान शिव की आरती करें। ऐसा माना जाता है कि इस विधि से की गई पूजा नए साल में सुख, शांति और सफलता दिलाती है।

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