Paush Putrada Ekadashi 2025: साल की आखिरी एकादशी पर बन रहे शुभ संयोग, संतान प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाता है। यह साल का आखिरी एकादशी व्रत होता है। इस दिन संतान प्राप्ति की कामना से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के लिए व्रत किया जाता है।

अपडेटेड Dec 20, 2025 पर 3:11 PM
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है। हिंदू वर्ष में आने वाली 24 एकादशी में पुत्रदा एकादशी को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

Paush Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को सबसे पवित्र तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन के सभी काम पूरे होते हैं और मनचाही सफलता प्राप्त होती है। हिंदू वर्ष में आने वाली 24 एकादशी में पुत्रदा एकादशी को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में बदलाव आते हैं और पूजा करने वालों को मोक्ष मिलता है। यह व्रत सुहागिनों के लिए बेहद लाभकारी होता है, क्योंकि इस दिन देवी लक्ष्मी संग विष्णु भगवान का स्मरण करने से पुत्र प्राप्ति का योग बनता है। आइए जानें इस साल पौष माह की पुत्रदा एकादशी कब है और संतान प्राप्ति के लिए लोगों को इस दिन क्या उपाय करना चाहिए?

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कब?

देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुदगल ने न्यूज 18 को बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी इस बार 30 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन 31 दिसंबर की सुबह 5 बजे होगा। इसलिए 30 दिसंबर 2025 को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।

दो शुभ संयोगों में होगा व्रत

इस बार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत दो शुभ संयोगों में किया जाएगा। साल के आखिरी एकादशी व्रत के दिन भरणी नक्षत्र और सिद्ध का विशेष संयोग बना रहेगा।

संतान प्राप्ति के लिए करें यह उपाय


ज्योतिषाचार्य नंद किशोर मुद्गल के अनुसार, जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है उन लोगों को पुत्रदा एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए। सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें। संध्या के समय भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण भगवान के बाल स्वरूप की पूजा विधि-विधान के साथ करें। खीर और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। चरणामृत से स्नान कराएं। एकादशी कथा का पाठ करें और अंत में आरती करके पूजा संपूर्ण करें। पूजा खत्म होने के साथ ही अंत में संतान प्राप्ति की कामना करें। ज्योतिषाचार्य की मानें तो ऐसा करने से एक साल के अंदर लोगों की पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी होगी।

Paush Putrada Ekadashi 2025: साल की आखिरी एकादशी होगी पौष पुत्रदा एकादशी, जानें सही तारीख और मुहूर्त

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