Raksha Bandhan 2025: राखी बांधने के लिए मिलेंगे ये 4 बेहद शुभ मुहूर्त, नोट कर लें समय

Raksha Bandhan 2025: इस बार रक्षा बंधन पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसकी वजह से ये दिन बहुत खास हो गया है। इस दिन को लेकर सबसे राहत की बात ये है कि भद्रा काल नहीं है। राखी बांधने के लिए इस साल पूरे दिन में 4 सबसे शुभ मुहूर्त मिलेंगे। आइए जानें इनका समय

अपडेटेड Aug 08, 2025 पर 12:15 PM
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राखी बांधने के लिए मिलेंगे ये चार बेहद शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन का त्योहार पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम और सम्मान का प्रतीक ये पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसी के साथ भगवान शिव का प्रिय माह सावन समाप्त हो जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र व अच्छी सेहत की कामना करती हैं। भाई इसके बदले में अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे के घर जाते हैं, उन्हें तोहफे और शुभकामनाएं देते हैं।

इस साल राखी का त्योहार कई शुभ संयोग लेकर आ रहा है। इसके साथ ही इस दिन सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि भद्रा काल उदया तिथि लगने से पहले ही खत्म हो जा रहा है। इसके अलावा 9 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा। इस दिन राखी बांधने के लिए यूं तो पूरा दिन अच्छा है, लेकिन 4 बेहद शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। कल के पूरे दिन के लिए ये समय जरूर ध्यान रखें।

पूर्णिमा तिथि

श्रावण शुक्त पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू : 8 अगस्त दोपहर 2.12 बजे से

पूर्णिमा तिथि समाप्त : 9 अगस्त 1.24 बजे

राहुकाल : 9 अगस्त सुबह 9.07 बजे से 10.47 बजे तक रहेगा। इस समय रक्षा बंधन नहीं करना चाहिए।


रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त

पहला शुभ मुहूर्त : सुबह 5.47 बजे से 1:24 बजे तक

दूसरा शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.00 बजे से 12.53 बजे तक

तीसरा शुभ मुहूर्त : विजय मुहूर्त दोपहर 2.40 बजे से 3.33 बजे तक

चौथा शुभ मुहूर्त : शाम 7.00 बजे से 8.10 बजे तक रहेगा

राखी बांधते समय करें इस मंत्र का उच्चारण

भाई के दाहिने हाथ ही कलाई पर रखी बांधते समय बहनों को इस मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए। ये भाई की रक्षा करेगा और उसके रास्ते में आने वाली रुकावटों को दूर करेगा।

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:

तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

मंत्र का अर्थ

ये वो मंत्र है जिससे मां लक्ष्मी ने पौराणिक काल में महान दानी राजा बलि को अपने वचन से बांध लिया था। इसका अर्थ है महाबति राजा बलि जिससे बंध गए थे, उसी रक्षासूत्र से तुम्हें बांधता हूं। ये रक्षासूत्र सदैव तुम्हारी रक्ष्ज्ञा करेगा।

Raksha Bandhan 2025: इस बार भद्रा नहीं है, लेकिन भाई को राहुकाल में न बांधें राखी

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First Published: Aug 08, 2025 11:32 AM

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