Pitra Paksha 2025: पितृ पक्ष का समय अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने और उनके लिए श्राद्ध करने का समय होता है। इस 15-16 दिनों की अवधि का अंतिम दिन होता है सर्वपितृ अमावस्या का। इस दिन लोग अपने पितरों की विदाई का श्राद्ध करते हैं। अपने पितरों के लिए श्राद्ध करने के दौरान लोग अपने घरों में उनके लिए जो भोजन बनाते हैं उसमें कुछ चीजों को खासतौर से बनाना चाहिए। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध के भोजना में कुछ माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इसे बाद में प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। आइए जानें क्या हैं ये चीजें और इन्हें बनाना क्या होता है जरूरी ?
चावल : यह पवित्रता और शांति का प्रतीक है, आत्मा के पोषण के लिए अच्छा माना जाता है। इसलिए श्राद्ध के भोजन में चावल अवश्य परोसा जाता है। चावल से पिंडी भी बनाई जाती है और यह पितरों तक संदेश पहुंचाने का माध्यम बनता है।
उड़द की दाल : श्राद्ध में पितरों को उड़द की दाल का प्रसाद चढ़ाने से उनकी भूख शांत होती है और उन्हें शांति मिलती है। उड़द की दाल और चावल दोनों सात्विक भोजन हैं, जो आसानी से पच जाते हैं।
कद्दू की सब्जी : कद्दू को सात्विक और शुभ माना गया है। माना जाता है कि श्राद्ध में इसे परोसने से पितरों प्रसन्न होते हैं। श्राद्ध के भोजन में कद्दू की सब्जी जरूर परोसनी चाहिए।
हलवा : श्राद्ध के भोजन में पितरों की पसंद का सात्विक और शुद्ध भोजन अर्पित किया जाता है, और इसमें हलवा बनाना व खिलाना शुभ माना जाता है।
खीर : मान्यता है कि खीर का भोग लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, मीठा व्यंजन होने के कारण यह पितरों को पूर्ण तृप्ति का अनुभव कराता है।