भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी और दो बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन रोहन बोपन्ना ने प्रोफेशनल टेनिस से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। लगभग 20 साल लंबे शानदार करियर के बाद रोहन ने टेनिस को अलविदा कहा। दिग्गज टेनिस खिलाड़ी के इस फैसले से उनके फैंस काफी हैरान है। पेरिस मास्टर्स 1000 में अलेक्जेंडर बुब्लिक के साथ खेला गया मैच उनका आखिरी मुकाबला रहा। रोहन बोपन्ना ने अपने रिटायरमेंट का ऐलान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से दी है।
रोहन बोपन्ना के नाम दुनिया के सबसे उम्रदराज नंबर वन डबल्स खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड है। उन्होंने यह उपलब्धि 43 साल की उम्र में हासिल की थी। इससे पहले वे मैथ्यू एब्डेन के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन डबल्स खिताब जीत चुके हैं और ओपन एरा में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने थे।
एक इमोशनल मैसेज में रोहन बोपन्ना ने अपने करियर को याद करते हुए कहा, “एक अलविदा... लेकिन यह अंत नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, "आप उस चीज को कैसे अलविदा कह सकते हैं जिसने आपकी जिंदगी को मायने दिए?" इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि अब वे आधिकारिक तौर पर अपना रैकेट रख रहे हैं और प्रोफेशनल टेनिस को अलविदा कह रहे हैं।
अपनी शानदार यात्रा के बारे में बताते हुए, बोपन्ना ने कहा कि यह सब कूर्ग के छोटे से शहर से शुरू हुआ। उन्होंने कहा, "अपनी सर्व को मजबूत करने के लिए लकड़ी के लट्ठे काटना, स्टैमिना बढ़ाने के लिए कॉफी बागानों में दौड़ना, और टूटी-फूटी कोर्ट पर खेलते हुए दुनिया के बड़े स्टेडियमों में खेलने का सपना देखना... यह सब अब किसी सपने जैसा लगता है।” 44 साल के रोहन बोपन्ना ने आगे कहा, “जब मैं अपने रास्ते को लेकर उलझन में था, टेनिस ने मुझे मकसद दिया। जब मैं टूट गया था, इसने मुझे ताकत दी। और जब दुनिया मुझ पर शक कर रही थी, इस खेल ने मुझे खुद पर विश्वास दिलाया।”
बोपन्ना ने अपने परिवार, खासकर अपनी पत्नी सुप्रिया और बेटी त्रिधा का दिल से धन्यवाद किया और कहा कि वे उनकी सबसे बड़ी ताकत और प्रेरणा हैं। उन्होंने भारत की ओर से खेलने को अपनी लाइफ का सबसे बड़ा सम्मान बताया। अंत में उन्होंने कहा, "हो सकता है कि मैं कॉम्पिटिशन से दूर हो रहा हूं, लेकिन टेनिस के साथ मेरी कहानी खत्म नहीं हुई है।"
रोहन बोपन्ना ने 2017 में गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था। इसके बाद 2023 में उन्होंने मैथ्यू एब्डेन के साथ इंडियन वेल्स मास्टर्स 1000 जीता और 43 साल की उम्र में यह खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने। इसी साल उन्होंने मियामी ओपन भी जीता और अपने रिकॉर्ड को और मजबूत किया। बोपन्ना 2016 रियो ओलंपिक में सानिया मिर्जा के साथ मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन चेक टीम के खिलाफ हारकर चौथे स्थान पर रह गए।