भारत के गोल्डेन बॉय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने आखिरकार वो मुकाम हासिल कर लिया, जिसका लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने आखिरकार 90 मीटर का आंकड़ा छूते हुए इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार, 16 मई को दोहा डायमंड लीग के फाइनल में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अपने तीसरे थ्रो में 90.23 मीटर भाला फेंका। नीरज चोपड़ा ऐसा करने वाले भारत के पहले जैवलिन थ्रोअर बन गए।
नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास
यह पहली बार था जब नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर की दूरी पार की और इसी के साथ उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इस शानदार उपलब्धि के साथ नीरज ने एक बार फिर भारतीय एथलेटिक्स के लिए नया इतिहास रच दिया। नीरज ने प्रतियोगिता की शुरुआत 88.44 मीटर के थ्रो से की और सीधे अंक तालिका में सबसे ऊपर पहुंच गए। हालांकि वह अपने इस थ्रो से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे। उनका दूसरा थ्रो फाउल (नो थ्रो) रहा, लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने सटीकता के साथ भाला फेंका और 90 मीटर की वह दूरी पार कर ली, जो अब तक उनके करियर में एक बड़ी चुनौती रही थी।
इस थ्रो के साथ नीरज चोपड़ा भाला फेंक में 90 मीटर पार करने वाले दुनिया के 25वें खिलाड़ी बन गए हैं। इतना ही नहीं, वह यह मुकाम हासिल करने वाले एशिया के सिर्फ तीसरे एथलीट भी हैं। नीरज चोपड़ा का पिछला सबसे लंबा भाला थ्रो 89.94 मीटर था, जो उन्होंने 30 जून 2022 को स्वीडन के स्टॉकहोम में डायमंड लीग के दौरान किया था। यह थ्रो करीब तीन साल तक भारत का पुरुषों का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना रहा।
इसके बाद 2024 में उन्होंने दो हफ्तों के भीतर अपने अगले तीन सर्वश्रेष्ठ थ्रो किए। उनका दूसरा सबसे अच्छा थ्रो 89.49 मीटर रहा, जिससे उन्हें लॉज़ेन डायमंड लीग में दूसरा स्थान मिला। अगले दो थ्रो—89.45 मीटर और 89.34 मीटर—पेरिस 2024 ओलंपिक के दौरान लॉज़ेन डायमंड लीग के फाइनल और क्वालिफाइंग राउंड में आए। ओलंपिक के फाइनल में उनके थ्रो ने उन्हें रजत पदक दिलाया, जिससे नीरज चोपड़ा भारत के सबसे सफल व्यक्तिगत ओलंपिक खिलाड़ी बन गए।