अब डॉग ऑनर ह्यूमन लैंग्वेज में समझ सकते हैं अपने पेट की बात, AI का ये टूल जानवरों की भाषा को करेगा ट्रांसलेट

चीन की कंपनी बायडू ऐसा AI टूल विकसित कर रही है जो जानवरों की भाषा और व्यवहार को ह्यूमन लैंग्वेज में बदल सकेगा। इससे पेट ऑनर्स और डॉक्टर्स आसानी से जानवरों की भावनाएं और समस्याएं समझ पाएंगे। अन्य कंपनियां भी इस तकनीक पर काम कर रही हैं।

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 4:08 PM
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अब डॉग ऑनर ह्यूमन लैंग्वेज में समझ सकते हैं अपने पेट की बात, AI का ये टूल जानवरों की भाषा को करेगा ट्रांसलेट

अगर आप डॉग ऑनर हैं और आपको ये पता चले कि आप अपने डॉग की भाषा को ह्यूमन लैंग्वेज में समझ सकते हैं, तो आपको शायद आश्चर्य होगा। पर ये सच है। दरअसल, तेजी से बढ़ती इस टेक्नोलॉजी के दौर में व्यक्ति को समय मिल पाना बहुत ही मुश्किल है, ऐस में जो लोग पेट लवर्स या पेट ऑनर्स होते हैं वो उनका ध्यान नहीं रख पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए चीन में ऐसा AI टूल विकसित किया जा रहा है, जो आपको बता देगा कि आपका पेट एनिमल क्यों भौंक रहा है और वह क्या कहना चाह रहा है। चलिए, जानते हैं कि ये टूल कौनसा है और कैसे काम करने वाला है?

AI जानवरों की भाषा ह्यूमन लैंग्वेज में बदल देगा

बता दें कि चीन की एक नामी कंपनी बायडू ने एक ऐसा AI टूल डेवलप किया है जिसकी मदद से जानवरों की भाषा को ह्यूमन लैंग्वेज में ट्रांसफर किया जा सकता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग की इस सर्च इंजन कंपनी ने नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एडमिनिस्ट्रेशन में एक पेटेंट फाइल किया है। इसमे जानवरों की भाषा, उनका बिहेवियर और फिजिकल साइन्स के बारे में एनालिसिस होता है और फिर इन्हें ह्यूमन लैंग्वेज में बदला जाता है। ये तकनीक आएगी तो लोग आसानी से समझ जाएंगे कि उनके पेट एनिमल्स किस बारे में कैसे विचार रखते हैं, उनके इमोशन्स को समझने मे भी आसानी होगी।


डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स को होगी आसानी

पेटेंट डॉक्युमेंट्स के अनुसार, इस टेक्नोलॉजी से जानवरों और इंसानों के बीच एक समझ बढ़ेगी। जिससे ऑनर अपने पेट की प्रॉबलम को आसानी समझ सकेंगे और उनका इलाज कर सकेंगे। यह तकनीक न केवल पालतू जानवरों के मालिकों के लिए मददगार होगी, बल्कि एनिमल्स का इलाज करने वाले डॉक्टरों और इनके एक्सपर्ट्स के लिए भी मददगार साबित हो सकती है। इस तकनीक से डॉक्टर्स को जानवरों का इलाज करने में आसानी होगी और वे उनकी बातों को समझ पाएंगे।

तकनीक पर चल रहा है काम

फिलहाल अभी इस तकनीक पर तेजी से काम चल रहा है। बायडू इकलौती कंपनी नहीं है, जो ऐसी तकनीक पर काम कर रही है। कई और वैज्ञानिक भी हैं जो ऐसा AI टूल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। Cetacean Translation Initiative ऐसे टूल पर काम कर रही है, जो व्हेल मछलियों की बातचीत समझ सके। Earth Species Project नाम की कंपनी भी जानवरों की भाषा को डिकोड करना चाह रही है।

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