Credit Cards

CERT-In alert: Chrome और Firefox यूजर्स का डेटा हो सकता है चोरी, CERT-In ने जारी की चेतावनी, बचने के लिए अभी करें ये काम

CERT-In alert: Google Chrome और Mozilla Firefox यूजर्स के लिए CERT-In ने हाई रिस्क सिक्योरिटी वार्निंग जारी की है। जिसमें बताया गया है कि Chrome और Mozilla Firefox में कुछ खामियां पाई गई हैं, जिनकी मदद से साइबर अपराधी आपके सिस्टम को हैक या क्रैश कर सकते हैं।

अपडेटेड Oct 21, 2025 पर 1:41 PM
Story continues below Advertisement
CERT-In alert: Chrome और Firefox यूजर्स का डेटा हो सकता है चोरी, CERT-In ने जारी की चेतावनी, बचने के लिए अभी करें ये काम

CERT-In alert: Google Chrome और Mozilla Firefox यूजर्स के लिए इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने हाई रिस्क सिक्योरिटी वार्निंग जारी की है। जिसमें बताया गया है कि Chrome और Mozilla Firefox में कुछ खामियां पाई गई हैं, जिनकी मदद से साइबर अपराधी आपके सिस्टम को हैक या क्रैश कर सकते हैं। गूगल क्रोम में मिली कमजोरियां खासकर उन लोगों के लिए जोखिम भरी हैं जो Chrome OS या ChromeOS Flex इस्तेमाल करते हैं। वहीं, Mozilla Firefox की कमजोरियां उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं जो Firefox का बेस ब्राउजर, ESR वर्जन या Thunderbird इस्तेमाल करते हैं।

नए कमजोरियों से प्रभावित सॉफ्टवेयर वर्जन्स

- Mozilla Firefox वर्जन 144 से पहले

- Mozilla Firefox ESR वर्जन 115.29 से पहले


- Mozilla Firefox ESR वर्जन 140.4 से पहले

- Mozilla Thunderbird वर्जन 140.4 से पहले

- Mozilla Thunderbird वर्जन 144 से पहले

-Google Chrome OS वर्जन 16404.45.0 से पहले

Google Chrome, Mozilla Firefox के जोखिम और प्रभाव

Mozilla से शुरू होकर, यह कमजोरी हैकर्स को प्रभावित कंप्यूटरों से संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने की अनुमति दे सकती है। इसका प्रभाव डेटा चोरी और सिस्टम के पूर्ण रूप से समझौता होने जितना बड़ा हो सकता है।

Mozilla के प्रोडक्ट्स में मिली कमजोरियां मुख्य रूप से इस तरह की हैं: MediaTrack-GraphImpl::GetInstance() में use-after-free की समस्या के कारण मेमोरी करप्शन हो सकती है, और विंडोज प्लेटफॉर्म पर वेब एक्सटेंशन के जरिए उपलब्ध कुछ API भी जोखिम पैदा करते हैं।

इसके अलावा, एंड्रॉइड पर VisibilityChange इवेंट का दुरुपयोग कर ब्राउजर के एड्रेस बार को नकल (spoof) किया जा सकता है, और एंड्रॉइड कस्टम टैब्स में भी इसी तरह की स्पूफिंग का खतरा मौजूद है।

वेब के जरिए हमला कर सकते हैं हैकर

Google Chrome में मिली कमजोरी Video, Sync और WebGPU जैसी सेवाओं में हीप बफर ओवरफ्लो के कारण है। आसान भाषा में इसका मतलब यह है कि कोई दूर बैठा हैकर वेब के जरिए हमला कर सकता है। बस हैकर्स आपको अपनी वेबसाइट पर ले जाएगा फिर किसी ऑफर का लालच देकर आपको क्लिक कराएगा। उसी एक क्लिक से हैकर आपके ब्राउजर या कंप्यूटर में एंट्री कर सकता है और आपका डेटा चुरा सकता है या सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।

Google Chrome, Mozilla Firefox को कैसे सुरक्षित रखें

तुरंत अपना Google Chrome और Mozilla Firefox अपडेट कर लें। साथ ही ब्राउजर को ऑटो-अपडेट पर सेट कर दें, ताकि भविष्य में अपडेट अपने आप हो जाए। किसी भी लिंक या अंजान वेबसाइटों पर क्लिक न करें। अगर आपडेट पूरा हो जाए तो अपना सिस्टम और ब्राउजर रिस्टार्ट कर लें। अगर संभव हो तो एंटीवायरस चालू रखें और स्कैन करें।

यह भी पढ़ें: iQOO 15 launch: iQOO ने लॉन्च किया अपना जबरदस्त स्मार्टफोन, 7000mAh की बैटरी के साथ मिलेगा बेहतरीन फीचर्स

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।