इंफोसिस ने 2,500 से ज्यादा जेनरेटिव एआई (जेन एआई) और 200 से ज्यादा एजेंटिक एआई प्रोजेक्ट्स ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए पूरे किए हैं। कंपनी के चीफ डिलीवरी अफसर सतीश एचसी ने 16 अक्टूबर को दूसरी तिमाही के नतीजों के दौरान अर्निंग्स कॉल में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्लाइंट्स बिजनेस में अब एआई का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। यह पायलट फेज के बाद का कदम है।
क्लाइंट्स एआई का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं
सतीश ने कहा, "अपने कई पोर्टफोलियो के तहत हमने 2,500 से ज्यादा जेन एआई प्रोजेक्ट्स और 200 से ज्यादा एजेंटिक एआई प्रोजेक्ट्स अपने क्लाइंट्स के लिए डिलीवर किए हैं।" उन्होंने बताया कि एंटरप्राइजेज एआई का इस्तेमाल मॉडर्नाइजेशन, डिजिटल और ऑटोमेशन प्रोग्राम में कर रहे हैं। इंफोसिस का एआई प्लेटफॉर्म Topaz और प्रॉपरायटरी स्मॉल लैंग्वेजेज मॉडल्स इसमें मदद कर रहा है।
इंफोसिस ने खुद के लिए बनाए चार एसएलएम
इंफोसिस ने अपने खुद के बिजनेस में इस्तेमाल करने के लिए चार स्मॉल लैंग्वेज मॉडल्स (एसएलएम) बनाए हैं। जुलाई में इंफोसिस ने कहा था कि एजेंटिक एआई सॉल्यूशंस के इसके डिप्लॉयमेंट ने क्लाइंट्स के लिए प्रोडक्टविटी में 5-15 फीसीद का इजाफा किया है। कंपनी ने एआई एजेंट्स का इस्तेमाल खुद के लिए भी कर रही है।
एआई के इस्तेमाल से हो रही बड़ी सेविंग्स
सतीश ने एक लॉजिस्टिक्स क्लाइंट का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि इस क्लाइंट के लिए इंफोसिस का एआई-आधारित रियल-टाइम डेटा प्लेटफॉर्म रोजाना 40 करोड़ मैसेजेज प्रोसेस करता है। इससे 15 लाख डॉलर की सेविंग्स हो रही है और कॉल वॉल्यूम में 12 फीसदी की कमी आई है। इंफोसिस के डेवलपर्स ने जेन एआई के इस्तेमाल से 2.5 करोड़ लाइन से ज्यादा के कोड्स बनाए हैं।
कंपनी का 10 फीसदी वर्कफोस अब एआई बिल्डर्स
उन्होंने कहा, "हमारे सिर्फ मल्टी-एजेंट इनवॉयस ऑटोमेशन सॉल्यूशन ने 5 करोड़ डॉलर से ज्यादा के इंक्रीमेंटल कैश फ्लो के मौके बनाए हैं। इससे हमारे फ्री कैश फ्लो कंवजर्न में इम्प्रूवमेंट हुआ है।" उन्होंने कहा कि इसके अलावा कंपनी का 10 फीसदी वर्कफोर्स अब 'एआई बिल्डर्स' बन चुका है। इंफोसिस के सीईओ सलील पारेख ने कहा था कि लार्ज-स्केल मॉडर्नाइजेशन में कंपनी की डीप एक्सपर्टाइज ने जटिल क्लाइंट इनवायरमेंट में एआई के इस्तेमाल में कंपनी को बढ़त दिलायी है।