META AI: फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति को नए सिरे से लॉन्च करने की तैयारी में है। कंपनी की 'सुपरइंटेलिजेंस लैब' सीक्रेट तरीके से इमेज, वीडियो और टेक्स्ट के नए AI मॉडल्स पर काम कर रही है, जिन्हें 2026 की पहली छमाही में रिलीज करने का टारगेट है। इस कदम के साथ मेटा का लक्ष्य AI की दुनिया में अपनी नई पहचान बनाना है।
'Mango' और 'Avocado' में क्या होगा खास?
मेटा की इंटरनल मीटिंग में शेयर किए गए रोडमैप के अनुसार, कंपनी Mango और Avocado दो मुख्य प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रही है। मैंगो यह एक इमेज और वीडियो मॉडल है, जिसे गूगल के 'Nano Banana' जैसे हाई-एंड मॉडल्स को चुनौती देने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। वहीं एवोकाडो एक टेक्स्ट-बेस्ड सिस्टम है, जिसे विशेष रूप से कोडिंग और लॉजिकल टास्क में सुधार के लिए विकसित किया जा रहा है। मेटा का मानना है कि डेवलपर्स और कंपनियों के बीच अपनी साख बनाने के लिए कोडिंग कैपेसिटी में सुधार करना अनिवार्य है।
'वर्ल्ड मॉडल्स' पर बड़ा दांव
टेक्स्ट और इमेज से आगे बढ़कर मेटा अब 'वर्ल्ड मॉडल्स' पर भी काम कर रही है। ये सिस्टम केवल पैटर्न प्रेडिक्ट नहीं करेंगे, बल्कि इंसानों की तरह विजुअल जानकारी को समझकर प्लानिंग और उसे एग्जीक्यूट करने में सक्षम होंगे। इसका उद्देश्य भविष्य में ऐसे AI टूल्स बनाना है जो डायनामिक एनवायरमेंट में खुद फैसले ले सकें।
भले ही मेटा के AI असिस्टेंट की पहुंच करोड़ों लोगों तक है, लेकिन कंपनी के सामने कुछ बड़ी चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि मेटा AI की दौड़ में गूगल और OpenAI से पीछे चल रही है। मेटा ने अब तक कोई ऐसा स्टैंडअलोन AI प्रोडक्ट नहीं बनाया है जिसे लोग स्वेच्छा से चुन सकें; वर्तमान में इसके टूल्स सोशल एप्स में 'डिफॉल्ट' तौर पर दिए गए हैं। पिछले एक साल में मेटा की AI यूनिट में कई रीस्ट्रक्चरिंग हुई हैं और कई बड़े रिसर्चर्स ने कंपनी छोड़ दी है।
मेटा AI पर अरबों डॉलर खर्च कर रही है, लेकिन अब तक इसका कोई स्पष्ट आर्थिक लाभ नजर नहीं आया है। इसी कारण Mango और Avocado प्रोजेक्ट्स मेटा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये केवल अपडेट्स नहीं हैं, बल्कि कंपनी के भविष्य के कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और डेवलपर टूल्स की तकनीकी बुनियाद बनेंगे।