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Starlink: भारत में जल्द लॉन्च होगी एलॉन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक, जानें कीमत और स्पीड

Starlink in India: फिलहाल स्टारलिंक के लगभग 7,000 सैटेलाइट्स दुनिया भर में काम कर रहे है और कंपनी का लक्ष्य इस संख्या को 40,000 से ज्यादा करना है ताकि दुनिया के सबसे दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचाया जा सके

अपडेटेड Aug 24, 2025 पर 3:29 PM
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स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस देने के लिए लो अर्थ ऑर्बिट में मौजूद सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करता है

Starlink in India: एलॉन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी सर्विस स्टार्ट करने वाली है। इसे पहले ही भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है और यह जल्द ही आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकती है। यह सर्विस खासकर उन इलाकों में इंटरनेट की कमी को पूरा करेगी जहां फाइबर या अन्य माध्यमों से कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाती। आइए आपको बताते हैं कितना हो सकता है इसका प्राइस और कितनी मिलेगी स्पीड।

कितना करना होगा खर्च?

स्टारलिंक को भारत में अपना काम शुरू करने के लिए कुछ और जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, जैसे कि नेटवर्क गेटवे और स्पेक्ट्रम लाइसेंस प्राप्त करना। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूरी हो जाएगी। स्टारलिंक की सर्विस शुरू करने के लिए लगने वाले सेटअप किट की कीमत लगभग 30,000 रुपये या उससे ज्यादा हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह 30,000 से 35,000 रुपये के बीच हो सकती है। इसके मंथली प्लान की कीमत लगभग 3,300 रुपये से शुरू हो सकती है और यह 4,200 रुपये तक जा सकती है। यह कीमत जगह और यूज के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।


इतनी हो सकती है स्पीड

स्टारलिंक की इंटरनेट स्पीड 25 Mbps से 220 Mbps के बीच रहने की उम्मीद है।यह स्पीड शहरी इलाकों में फाइबर इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के लिए उतनी खास नहीं हो सकती, लेकिन ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों के लिए यह गेम-चेंजर साबित होगी। जिन इलाकों में आज भी इंटरनेट एक बड़ी चुनौती है वहां के लिए ये सर्विस जबरदस्त साबित होगी। विश्लेषकों का मानना है कि स्टारलिंक ग्रामीण क्षेत्रों में अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ सकती है, लेकिन शहरी इलाकों में इसका उपयोग सीमित रह सकता है।

किस टेक्नोलॉजी पर करता है काम?

स्टारलिंक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में मौजूद सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करता है। ये सैटेलाइट्स पृथ्वी से सिर्फ 550 किलोमीटर ऊपर हैं, जो नॉर्मल सैटेलाइट्स की तुलना में बहुत करीब है। इसी वजह से यह तेज स्पीड और लो लेटेंसी वाली इंटरनेट सर्विस दे पाता है। स्टारलिंक के लगभग 7,000 सैटेलाइट्स दुनिया भर में काम कर रहे है और कंपनी का लक्ष्य इस संख्या को 40,000 से ज्यादा करना है ताकि दुनिया के सबसे दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचाया जा सके।

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