टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के अधिकारियों ने सोमवार (10 नवंबर, 2025) को बताया कि TCS ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के लिए 1,00,000 4G साइटों का रोलआउट पूरा कर लिया है। वहीं, अब 4G नेटवर्क को अगले फेज में बढ़ाने और इसके लिए जरूरी फंडिंग पर फैसला BSNL को करना है। TCS के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर (कोर टेक्नोलॉजीज) सौरभ मित्तल ने कहा, "TCS ने 100,000 4G साइटें स्थापित की हैं, जिनका मेन फोकस उन इलाकों पर रहा है, जहां अब तक नेटवर्क नहीं पहुंचा था। इनमें दूर-दराज, पिछड़े और अनकनेक्टेड क्षेत्रों को जोड़ने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।”
टीसीएस के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (नेटवर्क सॉल्यूशन एवं सर्विसेस) राधाकांत दास ने कहा कि परियोजना अब "ऑपरेशन ट्रांजिशन" फेज में है। उन्होंने आगे कहा कि पहला ऑर्डर समय पर डिलीवर कर दिया गया है, और ऑपरेशनल स्टेबिलाइजेशन की प्रक्रिया अभी चल रही है।
इन अधिकारियों ने यहां आयोजित IEEE Future Networks World Forum-2025 के अवसर पर कहा कि, पहले फेज का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है, लेकिन फ्यूचर में इसका विस्तार BSNL के फैसलों पर डिपेंड करेगा।
दास ने कहा कि अगले ऑर्डर और बजट डिस्ट्रीब्यूशन के संबंध में "हम केयरर के वापस आने का इंतजार करेंगे", उन्होंने इशारा किया कि अगले फेज का काम एक अलग समझौते का हिस्सा होगा और बजट भी अलग होगा।
टीसीएस ने हासिल किए गए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रारंभिक BSNL परियोजना की स्थापना के लिए इंस्टॉलेशन और कमिशनिंग की समय सीमा जून 2025 निर्धारित की थी।
इस परियोजना के तहत, BSNL 4G रोलआउट को एक प्लानिंग के तहत रिमोट और कठिन पहुंच वाले क्षेत्रों के सैचुरेशन साइट्स पर केंद्रित किया गया। दास ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, इनमें छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर, लद्दाख और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्र शामिल थे, जहां पहले केवल 2G कनेक्टिविटी थी या कोई मोबाइल टावर मौजूद नहीं थे।
4G को लागू करने पर, TCS के अधिकारियों ने कहा कि 5G डिवाइसेस महंगे थे और भारत में अभी भी केवल 20-25% ही पहुंच पाए हैं, जबकि 4G आम जनता के लिए एक तुरंत और जरूरी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है।
मित्तल के अनुसार, यदि टेलिकॉम कंपनी चाहे तो BSNL की 4G साइटों को 5G में अपग्रेड किया जा सकता है। 6G के स्टैंडर्ड 2029 तक सामने आ जाएंगे और 6G का कॉमर्शियल रोलआउट 2030 में ही होगा। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "भारत आज 6G मानकीकरण पर वैश्विक चर्चाओं का नेतृत्व कर रहा है, यह 4G के अनुयायी से 5G में आगे बढ़ने और 6G में मुख्य भूमिका निभाने की दिशा में एक कदम है।"