WhatsApp का नया पासकी फीचर, अब चैट बैकअप रहेंगे और भी सुरक्षित

WhatsApp: WhatsApp ने चैट बैकअप के लिए पासकी- बेस्ड एन्क्रिप्शन की शुरुआत करके यूजर्स की चैट हिस्ट्री को सुरक्षित करने के लिए एक नया फीचर जोड़ा है। यह फीचर यूजर्स को फोन के फिंगरप्रिंट, फेस रिकग्निशन या स्क्रीन लॉक का उपयोग करके अपने बैकअप को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाता है।

अपडेटेड Oct 31, 2025 पर 11:24 AM
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WhatsApp का नया पासकी फीचर, अब चैट बैकअप रहेंगे और भी सुरक्षित

WhatsApp: WhatsApp ने चैट बैकअप के लिए पासकी- बेस्ड एन्क्रिप्शन की शुरुआत करके यूजर्स की चैट हिस्ट्री को सुरक्षित करने के लिए एक नया फीचर जोड़ा है। गुरुवार से शुरू हुआ यह फीचर यूजर्स को पासवर्ड पर निर्भर रहने या 64-अंकों की एन्क्रिप्शन की (Key) को मैन्युअल रूप से स्टोर करने के बजाय, अपने फोन के फिंगरप्रिंट, फेस रिकग्निशन या स्क्रीन लॉक का उपयोग करके अपने बैकअप को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाता है।

यूजर्स के लिए इस अपडेट का क्या मतलब है

यह बदलाव WhatsApp के मौजूदा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सिस्टम पर बेस्ड है, जो पर्सनल चैट्स और कॉल की सुरक्षा करता है। अब तक, जो यूजर्स गूगल ड्राइव या आईक्लाउड पर अपने बैकअप को एन्क्रिप्ट करना चाहते थे, उन्हें एक अलग पासवर्ड या की (Key) बनाकर उसे मैनेज करना पड़ता था।


नए पासकी ऑप्शन के साथ, एन्क्रिप्शन सीधे डिवाइस की मौजूदा सिक्योरिटी सिस्टम से जुड़ जाता है, यानी बैकअप को सुरक्षित करने और बाद में उसे रिस्टोर करने के लिए बस एक टैप या नजर (फेस रिकग्निशन) ही काफी है। WhatsApp का कहना है कि इससे बैकअप निजी रहेंगे, भले ही डिवाइस खो जाए या बदल दिया जाए।

WhatsApp चैट पासकी कैसे सक्रिय करें

यह फीचर अगले कुछ हफ्तों और महीनों में धीरे-धीरे शुरू होगी। यूजर्स सेटिंग > चैट > चैट बैकअप > एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड बैकअप में जाकर इस फीचर को एक्टिवेट कर सकते हैं।

एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन कैसे काम करता है?

WhatsApp का दावा है कि उसका एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन यह सुनिश्चित करता है कि मैसेज और कॉल केवल भेजने वाले और रिसिव करने वाले को ही दिखाई दें। हर मैसेज एक यूनिक डिजिटल की (key) से लॉक होता है जिसे व्हाट्सएप भी एक्सेस नहीं कर सकता। यह सिस्टम ऑटोमैटिक है और इसके लिए किसी मैन्युअल सेटअप की आवश्यकता नहीं है।

बिजनेस चैट और डेटा पॉलिसी

बिजनेस अकाउंट्स को भेजे गए मैसेज भी उसी सिग्नल एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का उपयोग करके एन्क्रिप्ट किए जाते हैं, जो यूजर्स के डिवाइस से बाहर जाने से पहले उन्हें सुरक्षित करता है। हालांकि, WhatsApp का कहना है कि जब कोई बिजनेस यूजर का मैसेज प्राप्त करता है, तो उसका इस्तेमाल उस कंपनी की अपनी प्राइवेसी पॉलिसी पर निर्भर करता है। कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों या बाहरी वेंडर्स को ये चैट देखने या जवाब देने की अनुमति दे सकती हैं। इसके अलावा, Meta के प्लेटफॉर्म्स पर मार्केटिंग या विज्ञापन उद्देश्यों के लिए भी इन चैट डेटा का उपयोग किया जा सकता है।

यह क्यों मायने रखता है

पासकी एन्क्रिप्शन की ओर बढ़ने से, व्हाट्सएप अपडेट टकराव को कम करता है और दावा करता है कि यूजर्स जटिल एन्क्रिप्शन विवरणों को प्रबंधित करने की परेशानी के बिना वर्षों की चैट, फ़ोटो और वॉयस नोट्स को सुरक्षित रख सकते हैं।

क्यों खास है ये फीचर?

पासकी एन्क्रिप्शन Passkey Encryption) अपनाने से व्हाट्सऐप ने यूजर्स के लिए सुरक्षा को और आसान बना दिया है। इस अपडेट के जरिए यूजर्स अब अपने सालों पुराने चैट्स, फोटो और वॉइस नोट्स को बिना किसी जटिल एन्क्रिप्शन डिटेल संभाले सुरक्षित रख सकते हैं।

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