Get App

15 अगस्त के लॉंग वीकेंड पर इन 5 ऐतिहासिक स्थलों पर जाकर जरूर घूमें, महसूस करेंगे भारत के इतिहास की जीवंतता

आजादी के 79वें वर्ष पर जब हर दिल में देशभक्ति की लौ जल रही है, तो क्यों न इस 15 अगस्त को कुछ खास ऐतिहासिक स्थलों की सैर की जाए? ये जगहें न केवल भारत की समृद्ध विरासत की कहानी कहती हैं, बल्कि हमारे अतीत के गौरव और संघर्ष को भी जीवंत रखती हैं।

Edited By: Shradha Tulsyan
अपडेटेड Aug 11, 2025 पर 21:03
15 अगस्त के लॉंग वीकेंड पर इन 5 ऐतिहासिक स्थलों पर जाकर जरूर घूमें, महसूस करेंगे भारत के इतिहास की जीवंतता

आइए जानें राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गुजरात और कोलकाता के ये पांच अद्भुत स्थल जो पत्थरों में इतिहास को जिन्दा रखते हैं।

हवामहल, जयपुर (राजस्थान)
1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया हवामहल अपने 953 जालीदार खिड़कियों के लिए प्रसिद्ध है। यह पांच मंजिला महल बिना नींव के खड़ा है और भगवान कृष्ण के मुकुट जैसा डिज़ाइन इसकी खासियत है। यह महल राजसी शान का प्रतीक है और राजकीय इतिहास से जुड़ा हुआ है।

सांची स्तूप, रायसेन (मध्य प्रदेश)
तीसरी सदी ईसा पूर्व सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया यह बौद्ध स्तूप विश्व धरोहर स्थल है। विशाल गुंबद और चारों ओर बने तोरण द्वार बुद्ध की जातक कथाओं और जीवन संदेशों से सज्जित हैं। सांची स्तूप भारतीय धर्म और कला का अद्भुत नमूना है।

कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा
13वीं सदी का यह भव्य मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। इसके 12 विशाल पहिए दिन के अलग-अलग समय दिखाने वाले सनडायल हैं। मंदिर की दीवारों पर सूर्य पूजा और अन्य धार्मिक मूर्तियां खनिज कला की मिसाल हैं, जो इतिहास, विज्ञान और कला का संगम प्रस्तुत करती हैं।

रानी की वाव, पाटन (गुजरात)
11वीं सदी में रानी उदयमती द्वारा बनवाया गया यह सात स्तरों वाला बावड़ी न केवल जल संचयन का साधन है, बल्कि कला और वास्तुकला का खजाना भी है। इसकी नक्काशी, अप्सराएं, योगिनियां और भगवान विष्णु की मूर्तियां यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
ब्रिटिश शासनकाल की भव्य स्मारक, यह संगमरमर का महल महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया। इसकी गलियारे, पेंटिंग्स, और कांस्य की प्रतिमा इतिहास और कला की कहानी बयां करती हैं। यह भारत के गुलामी युग और संस्कृति की एक झलक देता है।

इतिहास के साक्षी पत्थर
इन स्थलों के पत्थरों में लाखों कहानियां दबी हैं। जहां हर नक्काशी और मूर्ति हमारे देश के गौरवमयी अतीत को बयां करती है। ये इमारतें ना केवल दर्शनीय हैं, बल्कि इतिहास की समझ का एक जीवंत स्रोत भी हैं।

आजादी की याद दिलाने वाले स्थल
15 अगस्त के दिन ये स्थल हमें उन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाते हैं जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए असाधारण बलिदान दिए। यहाँ आकर हम उनके साहस को सलाम करते हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें