उत्तर प्रदेश का बाहुबली डॉन मुख्यार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसका गैंग अभी भी सक्रिय है। ऐसे में इस आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए पुलिस एडी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) और झारखंड पुलिस ने मिलकर मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर अनुज कनौजिया को झारखंड के जमशेदपुर में ढेर कर दिया। यूपी पुलिस ने कनौजिया रर 2.50 लाख रुपये का इनाम रखा था। इस एनकाउंटर में UP STF का DSP घायल हो गया। पांच साल से अनुज कनौजिया की तलाश यूपी पुलिस को थी।
बता दें कि अनुज के झारखंड के जमशेदपुर में छिपे होने की टिप मिलने के बाद यूपी एसटीएफ ने जाल बिछाया। शनिवार को जमशेदपुर में यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस के संयुक्त अभियान में मुठभेड़ में अनुज को मार गिराया गया। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अनुज कनौजिया के एनकाउंटर की जानकारी दी है।
क्रॉस फायरिंग में अनुज कनौजिया मारा गया
अमिताभ यश ने आगे बताया कि एसटीएफ और झारखंड पुलिस ने सूचना के आधार पर अनुज कनौजिया को पकड़ने की कोशिश की थी। पुलिस का घेरा कसते ही उसने सुरक्षा बलों की ओर फायरिंग शुरू कर दी। ऐसे में क्रॉस फायरिंग में अनुज कनौजिया मारा गिराया गया। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के दौरान करीब 20 राउंड की फायरिंग हुई। ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे यूपी एसटीएफ के डीएसपी डीके शाही को गोली लगी। इसके बाद भी उन्होंने अनुज को पकड़ने के निर्देश दिए। पुलिस की जवाबी फायरिंग में अनुज कनौजिया को गोली लगी। वह नीचे गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
अनुज कनौजिया को मऊ और आजमगढ़ जिले की पुलिस के साथ उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स लंबे समय से तलाश कर रही थी। कनौजिया के घर पर कुर्की की कार्रवाई आजमगढ़ की पुलिस ने 2022 में की थी। आजमगढ़ जिले के तरवा थाना क्षेत्र में 6 फरवरी 2014 को सड़क निर्माण कर रहे बिहार के मजदूर राम इकबाल की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। इस मामले में मृतक माफिया मुख्तार अंसारी सहित 11 लोग शामिल थे। जिसमें अनुज कनौजिया का भी नाम शामिल था। अनुज कनौजिया पर कुल 23 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। 4 हत्या के मामले में भी कनौजिया वांटेड था।
अनुज कनौजिया मऊ के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव का निवासी था। मऊ एसपी इलामारन का कहना है कि उस पर मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जिलों के थानों में कई गंभीर मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी की जेल में मौत के बाद से पुलिस उसकी तलाश में तेजी से जुटी। हालांकि, वह पिछले पांच सालों से पुलिस को चकमा दे रहा था। उसे मुख्तार गैंग में शार्प शूटर के रूप में जाना जाता था।