Coffee Rave: सुबह की धूप, लाउड म्यूजिक और थिरकते लोग...काफी अलग है ये पार्टी, जानें क्या है भारत में आया नया ट्रेंड 'कॉफी रेव'

Coffee Rave: यह ट्रेंड लंदन की बेकरी से शुरू हुआ, एम्स्टर्डम की ओपन किचन तक पहुंचा और फिर न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में फैल गया। अब यह चलन भारत के शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, सूरत, इंदौर, लखनऊ, हैदराबाद और नागपुर में भी देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब कॉफ़ी शॉप्स इन खास "अंडरग्राउंड" इवेंट्स की मेज़बानी कर रही हैं

अपडेटेड Jun 08, 2025 पर 3:54 PM
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यह ट्रेंड लंदन की बेकरी से शुरू हुआ, एम्स्टर्डम की ओपन किचन तक पहुंचा और फिर न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में फैल गया। (फोटो - कैनवा)

Coffee Rave: हर पार्टी अब सूरज ढलने के बाद ही शुरू हो, ये ज़रूरी नहीं। अब कुछ पार्टियाँ सुबह-सुबह शुरू होती हैं, जब खिड़की से धूप अंदर आ रही होती है, कॉफ़ी मशीन की हल्की-सी आवाज सुनाई देती है और बैकग्राउंड में ऐसा म्यूजिक बजता है जो दिल की धड़कनें तेज कर देता है।  यह कोई जिम का वार्म-अप नहीं है , ये है कॉफी रेव। कॉफी रेव एक नया ट्रेंड बन चुका है, जो खासतौर पर भारत के शहरों में रहने वाले युवाओं को बहुत पसंद आ रहा है। अगर आपने सोशल मीडिया पर किसी कैफ़े में डीजे की रील देखी है, जहां लोग नाच रहे हैं और उनके हाथ में फ़्लैट व्हाइट कॉफ़ी है तो समझ लीजिए, आपने कॉफी रेव देख लिया है।

यह ट्रेंड लंदन की बेकरी से शुरू हुआ, एम्स्टर्डम की ओपन किचन तक पहुंचा और फिर न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में फैल गया। अब यह चलन भारत के शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, सूरत, इंदौर, लखनऊ, हैदराबाद और नागपुर में भी देखने को मिल रहा है। मिड-डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब कॉफ़ी शॉप्स इन खास "अंडरग्राउंड" इवेंट्स की मेज़बानी कर रही हैं, जहाँ लोग सुबह-सुबह इकट्ठा होकर बिना शराब के क्लब जैसा माहौल महसूस करते हैं, सिर्फ कॉफी , म्यूजिक और मजेदार एनर्जी के साथ। यह एक नया तरीका है सुबह की शुरुआत करने का ताजगी, दोस्ती और डांस के साथ।

कॉफी रेव का नया ट्रेंड


कॉफी रेव की शुरुआत यूरोप की बेकरी और कैफे में छोटे-छोटे म्यूज़िक शोज़ यानी "अंडरग्राउंड गिग्स" से हुई थी — जैसे एम्स्टर्डम और लंदन के शहरों में। फिर यह चलन न्यूयॉर्क पहुँचा और अब भारत के कई शहर भी इस नई सुबह की पार्टी का हिस्सा बन रहे हैं। मुंबई, बेंगलुरु, सूरत, हैदराबाद और इंदौर जैसे शहरी इलाकों में अब लोग एक अलग ही अंदाज़ में दिन की शुरुआत कर रहे हैं — स्पेशलिटी कॉफ़ी के साथ और इलेक्ट्रॉनिक म्यूज़िक की बीट्स पर थिरकते हुए।

भारत में बढ़ रहा है इसका क्रेज

कॉफ़ी रेव को आगे बढ़ाने में डीजे तनिष्क की अहम भूमिका रही है। उनके "मोर कॉफी, मोर रेव" टूर ने इंदौर और गुरुग्राम जैसे शहरों के कैफे को कुछ समय के लिए डांस फ़्लोर में बदल दिया है। मिड-डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन इवेंट्स में मुख्य फोकस सिर्फ म्यूज़क पर होता है, यहाँ न तो शराब होती है, न ही नाइट क्लब जैसा कोई माहौल। इसका सबसे अच्छा पहलू यह है कि ये कार्यक्रम हर उम्र के लोगों के लिए खुले होते हैं- चाहे वो किशोर हों, शराब से दूर रहने वाले हों या फिर थोड़े इंट्रोवर्ट। यहाँ का कॉफ़ी बार कुछ समय के लिए डीजे बूथ में बदल जाता है। बरिस्ता बीच में ही लोगों को ताज़ा एस्प्रेसो के शॉट्स सर्व करते हैं और पूरा माहौल ऊर्जा और उत्साह से भर जाता है। यह एक ऐसा अनुभव है जहाँ सुबह की ताज़गी, म्यूज़िक की बीट्स और कॉफ़ी की खुशबू — सब मिलकर एक यादगार पल बना देते हैं।

क्या बनाता है कॉफ़ी रेव को खास?

कॉफ़ी रेव आम नाइटलाइफ़ से एक बिल्कुल अलग अनुभव देते हैं। जहाँ पारंपरिक क्लबों में भीड़, तेज़ शोर और देर रात तक जागने का माहौल होता है, वहीं कॉफ़ी रेव एक ताज़ा और सुकूनभरा माहौल देते हैं। यह एक ऐसा मौका होता है जहाँ आप पूरी तरह से जागते हुए, होश में, और शांति के साथ डांस का मज़ा ले सकते हैं। हालांकि, इन रेव्स के साथ कुछ चुनौतियाँ भी होती हैं। कॉफ़ी शॉप आमतौर पर तेज़ म्यूज़िक सिस्टम या रंग-बिरंगी रोशनी के लिए नहीं बनी होतीं।

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First Published: Jun 08, 2025 3:51 PM

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