Covid-19 cases in India: भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण में उछाल जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या 7,000 के आंकड़े को पार कर गई है। गुजरात, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तो में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश में 22 मई को सिर्फ 257 मामले थे जो 12 जून को 7,000 से ज्यादा हो गए हैं। पिछले 24 घंटे में 306 नए केस के साथ देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या गुरुवार (12 जून) सुबह 7,121 पहुंच गई।
पिछले 24 घंटों में छह नई कोविड से संबंधित मौतें भी दर्ज की गई हैं। इनमें केरल में तीन, कर्नाटक में दो और महाराष्ट्र में एक मौत शामिल है। इससे इस साल जनवरी से अब तक कुल मौतों की संख्या 74 हो गई है। राहत की बात यह है कि इस साल अब तक 8,000 से अधिक लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। जनवरी से अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 8,573 पहुंच गई है।
लगभग सभी राज्यों में एक्टिव मामलों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। केरल में 2025 में सबसे अधिक कोविड-19 मामले दर्ज किए गए। गुरुवार सुबह तक केरल में 2,223 एक्टिव मामले थे। केंद्र के कोविड-19 डैशबोर्ड के अनुसार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने भी इस साल काफी अधिक संख्या में एक्टिव मामले दर्ज किए हैं।
देश भर में कोविड-19 मामलों में हाल ही में उछाल ओमीक्रोन के नए सब-वेरिएंट जैसे कि JN.1, NB.1.8.1, LF.7 और XFC के कारण आया है। इनकी संक्रमण क्षमता बढ़ी है लेकिन लक्षण अन्य वेरिएंट की तुलना में हल्के हैं। WHO ने इन्हें वर्तमान में "निगरानी में रखे गए वेरिएंट" के रूप में वर्गीकृत किया है।
अभी तक चिंता का विषय नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस बीच, कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस SARS-CoV-2 गायब नहीं हुआ है। यह अब यह फ्लू की तरह अन्य बीमारियों का हिस्सा बन गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोविड-19 का कारण बनने वाले वायरस के नए XFC वेरिएंट का उभरना SARS-CoV-2 के प्राकृतिक विकास का हिस्सा है। भारत में इस वेरिएंट से जुड़े 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। डॉ. भार्गव देश में कोविड-19 महामारी से निपटने में अग्रणी टीम का हिस्सा थे।
भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 206 मामले XFC वेरिएंट से जुड़े हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 89 मामले महाराष्ट्र से आए हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 49 मामले सामने आए हैं।
डॉ. भार्गव ने कहा कि SARS-CoV-2 (जो कोविड-19 का कारण बनता है) के XFC वेरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हुए हैं जो मानव कोशिकाओं से जुड़ने और प्रतिरक्षा सुरक्षा को दरकिनार करने की इसकी क्षमता में सुधार कर सकते हैं।
XFC वेरिएंट के मामले केरल (15), तमिलनाडु (16), गुजरात (11), मध्य प्रदेश (6), आंध्र प्रदेश (6), ओडिशा (4), पुडुचेरी (3), दिल्ली (2), राजस्थान (2), और पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा (एक-एक) से भी सामने आए हैं।
डॉ. भार्गव ने कहा, "अब सतर्कता महत्वपूर्ण है, घबराने की जरूरत नहीं है। जैसा कि हमने अतीत में किया है, हमें लक्षण दिखने पर परीक्षण जारी रखना चाहिए। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाना चाहिए और वैक्सीनेशन के साथ अपडेट रहना चाहिए।"
सभी राज्यों को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि अधिकतर मामले हल्के हैं और घरेलू देखभाल के तहत उनका प्रबंधन किया जा सकता है।