Dharmasthala Mass Burial: कन्नड़ यूट्यूबर समीर एमडी के खिलाफ धर्मस्थल के जनसामूहिक कब्र मामले में FIR दर्ज हुआ है। उन पर धर्मस्थल से जुड़े गलत और भड़काऊ कंटेन्ट सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। दावा ये किया जा रहा है कि समीर ने AI से कंटेन्ट बनाकर वीडियो के माध्यम से गलत जानकारी फैलाई है। बता दें कि 'धर्मस्थल के सीरियल किलर कौन हैं' कैप्शन वाला उसका 24 मिनट का वीडियो पिछले शनिवार को YouTube पर अपलोड हुआ था और इसे अब तक 31 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
AI जनरेटेड कंटेन्ट से फैलाई फर्जी जानकारी
दक्षिणी कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक अरुण के के अनुसार, इस वीडियो में AI से बनाए गए विजुअल्स का इस्तेमाल हुआ था और इसमें मनगढ़ंत बातें शामिल थी। ये बातें इस मामले के मुखबिर, पूर्व में वहां काम करने वाले एक सफाई कर्मचारी के हाल ही में अदालत में दिए गए बयान पर को गलत तरीके से पेश कर रही थी। पुलिस का कहना है कि वीडियो में न सिर्फ तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया, बल्कि शिकायतकर्ता से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भी सामने लाई गई, जिससे जनता में आक्रोश फैलने की आशंका थी। इसी के चलते समीर एमडी के खिलाफ झूठी जानकारी देने, जानबूझकर अशांति भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।
क्या है धर्मस्थल जनसामूहिक कब्र का मामला?
यह मामला कर्नाटक का है। दरअसल धर्मस्थल के एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने ये खुलासा किया था कि उसे धर्मस्थल के आसपास के जंगलों में यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़ितों के शवों को गुप्त रूप से दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। उसने दावा किया कि एक दशक पहले वह उस इलाके से भाग गया था, और हाल ही में उसे पश्चाताप हुआ और वापस लौटकर शिकायत दर्ज कराई। इस मामले ने स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है।
अप्रैल में भी पुलिस के निशाने पर आए थे समीर एमडी
वैसे यह पहली बार नहीं है जब समीर एमडी कानूनी पचड़े में फंसे हो। इसी साल अप्रैल में बेंगलुरु की एक अदालत ने उन्हें 14 साल पहले हुए एक कॉलेज स्टूडेंट की अनसुलझी हत्या पर बनाए गए वीडियो के संबंध में ₹10 करोड़ के मानहानि मुकदमे में नोटिस भेजा था। यह मुकदमा श्री क्षेत्र धर्मस्थल के प्रतिनिधियों डी हर्षेंद्र कुमार और निश्चल डी ने दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि समीर ने अपने वीडियो में धार्मिक संस्था को गलत तरीके से निशाना बनाया है।