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Gucchi Mushroom: IITian इंजीनियर पति-पत्नी ने उगाई दुनिया की सबसे महंगी मशरूम, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश, देश-विदेश में भारी मांग

Gucchi Mushroom: गुच्छी मशरूम एक पहाड़ी सब्जी है। यह हिमाचल प्रदेश के चंबा, कुल्लू, मनाली के जंगलों में पाई जाती है। इसके अलावा कश्मीर और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में भी पाई जाती है। अब इसकी खेती उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक इंजीनियर पति-पत्नी ने शुरू की है। इसकी खेती से कपल इंजीनियर मोटी कमाई कर रहे हैं। है। हार्ट के मरीजों के लिए इसे संजीवनी माना गया है

अपडेटेड Mar 31, 2025 पर 3:29 PM
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Gucchi Mushroom: गुच्छी मशरूम की डिमांड भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, फ्रांस, इटली और स्विटजरलैंड में काफी रहती

गुच्छी मशरूम के बारे में आपने सुना होगा। यह दुनिया की सबसे महंगी मशरूम में से एक है। इसे पहाड़ी मशरूम के नाम से भी जाना जाता है। इस महंगी गुच्छी मशरूम को उगाने में भारत ने सफलता हासिल कर ली है। उत्तराखंड के रहने वाले पौड़ी गढ़वाल के इंजीनियर नवीन पटवाल ने ये कमाल कर दिखाया गया है। चीन और फ्रांस में गुच्छी मशरूम का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। नवीन पटवाल पिछले कुछ सालों से गुच्छी मशरूम पर ट्रायल कर रहे थे। अब उनका ट्रायल सफल हो चुका है। इसकी खेती में उनकी इंजीनियर पत्नी भी साथ दे रही हैं।

नवीन पटवाल ने साल 2007 में बीटेक की पढ़ाई की थी। इसके बाद वो मशरूम की खेती पर जुट गए। उनके उत्तराखंड के हरिद्वार और रुड़की में ऑयस्टर और बटन मशरूम समेत अलग-अलग किश्म के मशरूम के प्लांट लगे हुए हैं। वो कई तरह की मशरूम की खेती कर रहे हैं।

गुच्छी की खेती में पहले मिली असफलता


पटवाल ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले साल 2022 में गुच्छी मशरूम की एक किस्म उगाने की कोशिश की थी। लेकिन उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा। हालांकि, दो साल तक कड़ी मेहनत करने और रिसर्च का काम जारी रखा। इसके बाद दिसंबर 2024 में फिर से गुच्छी के बारे में काम शुरू किया। इस बार उन्हें करीब तीन महीने बाद नतीजे दिखने लगे। दरअसल, गुच्छी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, शिमला, मनाली जैसे इलाकों के जंगलों में कुदरती उगती है। इसके अलावा उत्तराखंड और कश्मीर के कुछ इलाकों में पाई जाती है। यह फूलों और बीच से भरे गुच्छों की सब्जी है। इसे सुखाकर सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पहाड़ी लोग इस सब्जी को टटमोर या डुंघरू भी कहते हैं। भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ चरकसंहिता में इसे सर्पच्छत्रक कहा गया है।

गुच्छी की खेती किसी चुनौती से कम नहीं

नवीन पटवाल ने बताया कि गुच्छी मशरूम को कम तापमान में उगाया जाता है। इसे उगाना किसी चुनौती से कम नहीं है। कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बाद नवीन 100 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस में करीब 100 किलो मशरूम की पैदावार हासिल करने में कामयाब हुए। अब नवीन बड़े पैमाने पर खेती की तैयारी करने की योजना बना रहे हैं।

गुच्छी मशरूम की कीमत

गुच्छी मशरूम की सब्जी की कीमत मामूली नहीं है। यह 30,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। आकार के आधार पर कीमतें अलग-अलग होती हैं। जंबो और सुपर जंबो किस्मों की कीमतें और भी ज्यादा होती हैं। पटवाल अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी आईआईटीयन को देते हैं।

गुच्छी मशरूम से सेहत रहेगी चकाचक

इसमें विटामिन-B, विटामिन-C, और अमीनो एसिड पाया जाता है। गुच्छी मशरूम में चमत्कारी और औषधीय गुण मौजूद होते हैं। हार्ट के रोगियों के लिए यह संजीवनी माना गया है। पहाड़ों के ऊपरी इलाकों मे यह फरवरी से अप्रैल माह तक ही उगती है। भारत में इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। इसके साथ ही अमेरिका, यूरोप, फ्रांस, इटली और स्विटजरलैंड में भी इस मशरूम की काफी मांग रहती है। इसे अच्छे से सुखाने के बाद फिर मार्केट में उतारा जाता है।

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