Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मंडी से एक गजब का घोटाला सामने आया है। जिले के करसोग विकास खंड में एक गांव की प्रधान को कथित तौर पर सरकारी फंड के गबन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने फर्जी निर्माण कार्य के लिए एक स्कूटर को बुलडोजर दिखाकर बिल पास कराए। जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने एक आदेश जारी कर ठकुरथाना पंचायत की प्रधान माला मेहता को सरकारी फंड के दुरुपयोग के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है।
आदेश के अनुसार, आरोपों पर अपना पक्ष रखने के लिए 20 जून, 2025 को आरोपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। प्रधान को हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 145 (1) (c) और पंचायती राज (सामान्य) नियम, 1997 के नियम 142 (1) (a) के तहत निलंबित किया गया है।
बुलडोजर की जगह बता दिया स्कूटी का नंबर
करसोग के बीडीओ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि निलंबित प्रधान ने सड़क निर्माण कार्य के बिलों में हेराफेरी की। उन्होंने बिलों को बढ़ाने के लिए एक स्कूटी (HP31C 6806) के रजिस्ट्रेशन नंबर को बुलडोजर का नंबर बताकर इस्तेमाल किया। यानी उन्होंने बिना बुलडोजर से काम कराए ही स्कूटी के नमपर का यूज करते हुए बिल बनाकर फर्जी तरीके से सरकारी फंड अपने झोली में भरने का प्रयास किया। सामाजिक कार्यकर्ता पन्ना लाल ठाकुर के अनुसार, इस नंबर की स्कूटी सुंदर नगर के एक व्यक्ति की है।
RTI से हुआ फर्जीवाड़ा के खुलासा
फंड के इस कथित गबन का खुलासा ठकुरथाना पंचायत के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता पन्ना लाल ठाकुर द्वारा दायर एक RTI आवेदन में हुआ। ठाकुर ने बताया कि कई सड़कें जो 10 से 15 साल पहले बनी थीं, उन्हें कागजों पर हाल के वर्षों में बनी हुई दिखाया गया है। ठाकुर ने कहा, 'इसके अलावा, श्मशान घाटों, सामुदायिक भवनों, सड़कों के काम में भी अनियमितताएं हुई हैं और सरकारी पैसे का दुरुपयोग फर्जी बिल पेश करके किया गया'। ठाकुर ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में बुलडोजर के लगभग 700 कार्य घंटों का बिल जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस कथित घोटाले की गहन जांच के लिए हाई कोर्ट का रुख करेंगे।
शौचालयों और खेल के मैदान के निर्माण में भी हुई है धांधली
लाल ठाकुर ने आगे बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक विकास खंड में 10 सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए 3 लाख रुपये प्रति शौचालय की लागत से मंजूरी दी गई थी, लेकिन पैसे गबन करने के लिए पुराने शौचालयों के फर्जी बिल पेश किए गए। इसी तरह पंचायत के दो श्मशान घाटों, चीमूसेरी और छेदानला के लिए 5-5 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई थी, लेकिन उनका निर्माण कार्य भी नहीं किया गया।
ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि सुमाकोठी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के खेल के मैदान के निर्माण के नाम पर पैसे गबन करने के लिए बुलडोजर के 1000 कार्य घंटों का फर्जी बिल पेश किया गया है, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने सवाल उठाया, 'यह मैदान 25 साल पुराना है। खेल के मैदान की जमीन न तो स्कूल के नाम पर रजिस्टर्ड है और न ही इसके निर्माण के लिए स्कूल प्रिंसिपल की NOC ली गई है। फिर मशीन द्वारा 1000 घंटे का काम कैसे दिखाया गया?