Indian Railways: ट्रेन में अचानक सेहत बिगड़ी? जानिए सेकंडों में कैसे बुलाएं डॉक्टर!

Indian Railways: भारत में रोजाना करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। लंबी यात्रा में आराम और सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ सकती है। ऐसे समय में घबराने के बजाय सही जानकारी लेना जरूरी है। भारतीय रेलवे हेल्पलाइन, मेडिकल टीम और डिजिटल माध्यम से तुरंत मदद उपलब्ध कराता है

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 3:41 PM
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Indian Railways: भारतीय रेलवे की 139 नंबर की हेल्पलाइन पूरे देश में एक जैसी है

रेल यात्रा भारत में लाखों लोगों के लिए दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुकी है। देश में रोजाना करोड़ों यात्री ट्रेन के जरिए लंबी और छोटी दूरी की यात्रा करते हैं। लंबी दूरी की यात्रा में आराम, समय पर भोजन और सफर का अनुभव महत्वपूर्ण होता है। लेकिन कई बार अचानक तबीयत बिगड़ सकती है, जैसे सिरदर्द, चक्कर, पेट दर्द या उच्च तापमान के कारण असहजता। ऐसे समय में घबराना सही विकल्प नहीं होता, बल्कि तुरंत सही जानकारी और कदम उठाना आवश्यक होता है। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कई विकल्प और सेवाएं उपलब्ध कराई हैं।

इनमें हेल्पलाइन नंबर, मेडिकल टीम की सुविधा, टीटीई या कोच अटेंडेंट की मदद और डिजिटल माध्यम शामिल हैं। ये सभी उपाय सुनिश्चित करते हैं कि यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति में समय पर मदद मिल सके और यात्री सुरक्षित महसूस करें।

हेल्थ इमरजेंसी के लिए रेलवे की मदद


ट्रेन में सफर करते समय कई बार थकान, मौसम में बदलाव या किसी मेडिकल समस्या के कारण यात्री असहज महसूस कर सकते हैं। कुछ मामलों में स्थिति गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में रेलवे की हेल्पलाइन सबसे आसान और भरोसेमंद मदद है। इस हेल्पलाइन पर कॉल करने के बाद आपकी लोकेशन और ट्रेन विवरण दर्ज किया जाता है, ताकि अगला स्टेशन आते ही मेडिकल टीम आपकी मदद के लिए तैयार हो।

हेल्पलाइन नंबर 139

भारतीय रेलवे की 139 नंबर की हेल्पलाइन पूरे देश में एक जैसी है और चौबीसों घंटे सक्रिय रहती है। जब यात्री इस नंबर पर कॉल करता है, तो उसका नाम, कोच नंबर और ट्रेन का विवरण दर्ज किया जाता है। इसके बाद नजदीकी स्टेशन पर मेडिकल टीम तैयार होकर तुरंत सहायता मुहैया कराती है।

डिजिटल माध्यम से मदद

यदि आपके पास इंटरनेट उपलब्ध है, तो रेलवे की आधिकारिक ऐप या ट्विटर के जरिए भी सहायता ली जा सकती है। यात्री अपनी स्थिति ट्वीट करके या ऐप में जानकारी भरकर तुरंत प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकते हैं। ये विकल्प यात्रियों के लिए तेज और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

टीटीई और कोच अटेंडेंट की मदद

यदि कॉल या डिजिटल माध्यम संभव न हो, तो आप ट्रेन के टीटीई या कोच अटेंडेंट को भी अपनी स्थिति के बारे में बता सकते हैं। वे स्थिति का आकलन करके आवश्यक कदम उठा सकते हैं। हालांकि, अगर तबीयत गंभीर है, तो हेल्पलाइन 139 पर कॉल करना सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है।

समय पर मदद सुनिश्चित

रेलवे की यह व्यवस्था यात्रियों के लिए बेहद सहायक है। हेल्पलाइन, ऐप या ट्विटर के जरिए मदद सुनिश्चित होने के साथ-साथ मेडिकल टीम की तत्परता यात्रियों के लिए सुरक्षा का भरोसा भी देती है। लंबी यात्रा में स्वास्थ्य संबंधी किसी भी आपात स्थिति के लिए ये उपाय समय पर राहत और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

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First Published: Aug 21, 2025 3:41 PM

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