भारत एक विशाल और विविधताओं से भरा देश है, जहां रोजाना करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। भारतीय रेलवे, जो दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, रोज लगभग 13,000 ट्रेनों का संचालन करता है। ट्रेन का सफर न केवल आरामदायक और सुरक्षित माना जाता है, बल्कि ये आम आदमी के बजट के हिसाब से भी किफायती है। यही कारण है कि देश के हर कोने तक पहुंचने के लिए लोग रेलवे पर भरोसा करते हैं। लेकिन इस सुविधा के साथ कुछ जिम्मेदारियां भी जुड़ी हैं। जितनी आज़ादी यात्रियों को सफर के दौरान मिलती है, उतना ही जरूरी रेलवे द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना भी होता है।
कई बार यात्री बिना सोचे-समझे कोई भी सामान पैक कर लेते हैं, जबकि कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें ट्रेन में ले जाना सख्त मना है। अगर कोई यात्री ऐसे प्रतिबंधित सामान के साथ पकड़ा जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या जेल की सजा भी हो सकती है
रेलवे का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा है। कुछ सामान ऐसे होते हैं जिनसे आग लगने, दुर्घटना होने या यात्रियों को परेशानी होने का खतरा रहता है। रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत इन वस्तुओं को ले जाने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना, 3 साल तक की जेल या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
कौन-कौन सी चीजें ले जाना मना है?
इसका खोल बहुत ज्वलनशील होता है और आग लगने का खतरा बढ़ाता है। इसलिए ट्रेन में सूखा नारियल ले जाना मना है।
हिलने-डुलने से सिलेंडर में लीकेज का खतरा बढ़ जाता है, जिससे आग लग सकती है।
ये वस्तुएं बहुत आसानी से आग पकड़ लेती हैं, इसलिए इन्हें ट्रेन में ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड, टॉयलेट क्लीनर या अन्य खतरनाक केमिकल ट्रेन में नहीं ले जा सकते क्योंकि ये त्वचा को जला सकते हैं या दम घोंट सकते हैं।
पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन और तेल
ये सभी अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ हैं और ट्रेन में ले जाने पर बड़ा खतरा पैदा करते हैं।
माचिस की तीली और स्टोव दोनों से आग लगने का खतरा रहता है, इसलिए इन्हें ले जाना मना है।
बदबूदार या सड़ने वाला सामान
खराब खाना, चमड़ा, सूखी घास या कोई भी बदबूदार वस्तु ट्रेन में ले जाना यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
रेलवे नियमों के अनुसार, 20 किलो तक घी ले जाया जा सकता है, लेकिन ये टिन के डिब्बे में अच्छी तरह पैक होना चाहिए ताकि वो खुले या फैले नहीं।