New Wave of COVID-19 : पांच साल पहले पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर आहट महसूस होने लगी है। एशिया के कुछ देशों जैसे सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में कोविड-19 के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है, और इसका असर अब भारत में भी हल्के रूप में दिखने लगा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई तक भारत में कुल 257 सक्रिय कोविड मामले सामने आए हैं। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर मरीजों में लक्षण बहुत हल्के हैं, और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।
इन मरीजों पर रखी जा रही है नजर
हालांकि, सरकार इस स्थिति को हल्के में नहीं ले रही है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिनों एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें NCDC, ICMR, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता जरूरी है। सरकार की तैयारियों के तहत बुखार, खांसी और सांस की बीमारी के मामलों पर नजर रखी जा रही है और अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
केरल में सबसे ज्यादा मरीज
भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामूली मामले सामने आने लगे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 12 मई से अब तक देशभर में कोविड-19 के 164 नए मामले दर्ज किए गए हैं। मंगलवार (21 मई) तक देश में कुल 257 सक्रिय कोविड मामले थे। अगर राज्यों की बात करें तो:
इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में एक-एक नया मामला पाया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां पूरी सतर्कता बरत रही हैं।
क्या है लक्ष्ण और किन्हें ज्यादा खतरा
तेज बुखार होना, गले में खराश होना, नाक का बंद होना या नाक का बहना, सूखी खांसी का आना, थकान और बेहद कमजोरी महसूस होना, सिर में तेज दर्द होना, पेट में दर्द होना, स्वाद और गंध में बदलाव महसूस होना, शरीर में दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव इन नए वेरिएंट के लक्षण हैं। कोविड-19 के इस नए वेरिएंट से बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है उनको ये वायरस परेशान करता है। कुछ मरीजों जैसे कैंसर, HIV, या ट्रांसप्लांट मरीजों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है। डायबिटीज़, दिल के रोगी, या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है।