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Operation Sindoor in Syllabus: उत्तराखंड में अब मदरसों के बच्चे पढ़ेंगे 'ऑपरेशन सिंदूर' की विजयगाथा, धामी सरकार ने सिलेबस में किया बड़ा बदलाव

Operation Sindoor in Syllabus: मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून कासमी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उत्तराखंड के मदरसों में अब 'ऑपरेशन सिंदूर' को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। उत्तराखंड में 451 मदरसे हैं, जिनमें करीब 50,000 छात्र पढ़ते हैं। कासमी ने शिक्षकों और बुद्धिजीवियों के साथ नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई दी

अपडेटेड May 20, 2025 पर 4:00 PM
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Operation Sindoor in Syllabus: ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की जनता ने एकजुटता के साथ भारतीय जवानों के शौर्य को सलाम किया

Operation Sindoor in Uttarakhand Syllabus: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम देने के भारतीय सेना के साहसिक कदम को अब मदरसों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने भारतीय जवानों के शौर्य को सलाम करने के लिए यह फैसला लिया है। बोर्ड चाहता है कि छात्र भारतीय सेना के पराक्रम की कहानियों से परिचित हों। इसी के चलते उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने राज्य भर के मदरसों के सिलेबस में 'ऑपरेशन सिंदूर' को शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह नया टॉपिक आलिया (इंटरमीडिएट) स्तर की क्लासेस तक पढ़ाया जाएगा।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद पत्रकारों बताया कि मदरसा सिलेबस में 'ऑपरेशन सिंदूर' को शामिल किया जाएगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में 451 मदरसे हैं, जिनमें करीब 50,000 छात्र पढ़ते हैं। कासमी ने शिक्षकों और बुद्धिजीवियों के साथ नई दिल्ली में रक्षा मंत्री से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई दी।

उन्होंने सशस्त्र बलों की बहादुरी की जमकर तारीफ की। कासमी ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने सेना के साहस की सराहना की है और मदरसा छात्रों को भी इस वीरता के बारे में पढ़ाया जाएगा। नए सिलेबस में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक चैप्टर होगा। इसे अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही एक समिति की बैठक होगी।


'ऑपरेशन सिंदूर' 7 मई, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण भारतीय सैन्य अभियान था। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इसका उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों के कैंप को नष्ट करना था।

इस अभियान के दौरान भारतीय सेना ने केवल 25 मिनट में 970 किलोमीटर की दूरी में फैले नौ आतंकवादी शिविरों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। हमले में शामिल प्रमुख स्थलों में बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय, मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना और सियालकोट में सरजाल कैंप शामिल थे।

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इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी शिविरों पर हमला किया गया। इनमें मुजफ्फराबाद में शवाई नाल्लाह और सैयदना बिलाल शिविर शामिल है। साथ ही कोटली और भीमबेर में स्थित गुलपुर, बरनाला और अब्बास आतंकवादी शिविरों को भी तबाह कर दिया गया।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

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