क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपका पालतू कुत्ता या मोहल्ले का स्ट्री डॉग कुछ खास लोगों को देखकर अचानक जोर-जोर से भौंकने लगता है, जबकि बाकी लोग उनके पास से आराम से गुजर जाते हैं और कुत्तों को कोई फर्क नहीं पड़ता? ये सिर्फ कोई आम व्यवहार नहीं है, बल्कि इसके पीछे कुत्तों की विशेष शारीरिक और मानसिक क्षमताएं छुपी होती हैं। कुत्ते इंसानों की चाल, गंध और शरीर की भाषा से बहुत कुछ समझ लेते हैं। कुछ लोग उनके लिए अनजाने में खतरे का संकेत देते हैं, तो कुछ लोगों की चाल, हाव-भाव या पुराने अनुभव उन्हें सतर्क बना देते हैं।
इससे कुत्ते अपने इलाके और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए भौंकते हैं। इस व्यवहार के पीछे डर, असुरक्षा और पुराने अनुभव भी एक बड़ा कारण होते हैं। आज हम जानेंगे कि क्यों कुछ लोग कुत्तों को तुरंत भौंकने पर मजबूर कर देते हैं।
कुत्तों के भीतर अपने इलाके की सुरक्षा की गहरी भावना होती है। जब कोई अनजान शख्स उनके आसपास आता है, तो उन्हें लगता है कि उनका घर, सड़क या परिवार खतरे में है। इसलिए वे भौंककर चेतावनी देते हैं – “पास मत आना!” अगर कोई व्यक्ति अचानक तेज चाल से आए, तो कुत्ते इसे और बड़ा खतरा मानकर और ज्यादा शोर मचाते हैं।
डर की वजह से भी होती है भौंकने की आदत
हर कुत्ता ताकतवर नहीं होता, कुछ डरपोक भी होते हैं। अगर कुत्ता ठीक से सामाजिक माहौल में नहीं पला या प्रशिक्षित नहीं हुआ है, तो व अजनबियों को देखकर घबरा जाता है। डर के मारे भौंकना उसका तरीका होता है “मुझसे दूर रहो!” कई बार लोग अनजाने में ही कुत्ते को डरा देते हैं, जैसे उसके पास अचानक पहुंच जाना या उसे घूरना। नतीजा भौंकने की आवाज गूंज जाती है।
कुत्ते सिर्फ सुनते ही नहीं, बल्कि सूंघते और देखते भी गजब तरीके से हैं। अगर कोई व्यक्ति घबराया हुआ है या डर रहा है, तो कुत्ते उसकी गंध और हाव-भाव से ये तुरंत भांप लेते हैं। उन्हें लगता है कि सामने वाला कमजोर है और वे उस पर भौंककर अपनी ताकत दिखाने लगते हैं।
इसके अलावा, कुछ लोगों के कपड़े, चाल-ढाल या कोई अजीब हरकत भी कुत्तों को असहज कर देती है।
कुत्ते इंसानों को कभी नहीं भूलते। अगर किसी कुत्ते को पहले किसी इंसान ने डराया या मारा है, तो वो उस जैसे दिखने वाले हर व्यक्ति से सतर्क हो जाता है। यही वजह है कि कई बार वे कुछ लोगों को देखते ही तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं , “ये भी खतरा हो सकता है!”