UPS Layoff: दिग्गज पार्सल डिलीवरी कंपनी यूनाइटेड पार्सल सर्विस (UPS) में 20 हजार एंप्लॉयीज की नौकरी जाने वाली है। कंपनी का कहना है कि अनिश्चित अर्थव्यवस्था में लागत कम करने और अपने सबसे बड़े ग्राहक एमेजॉन (Amazon) से कम शिपमेंट ऑर्डर की आशंका के चलते छंटनी का फैसला लिया है। पिछले साल इसके रेवेन्यू में एमेजॉन की हिस्सेदारी 11.8 फीसदी थी। दुनिया की सबसे बड़ी डिलीवरी कंपनी ने जब छंटनी का ऐलान किया तो निवेशकों ने इस फैसले का स्वागत किया और मंगलवार को शेयर करीब 2 फीसदी उछल गए। शेयर इसलिए उछले क्योंकि छंटनी और जून के आखिरी तक लीज और खुद की 73 बिल्डिंग्स के बंद होने से इस साल 350 करोड़ डॉलर के बचत की उम्मीद कंपनी ने जताई है।
कैसी रही UPS की मार्च तिमाही?
मार्च तिमाही में यूपीएस का रेवेन्यू हल्का सा गिरकर 2150 करोड़ डॉलर पर आ गया लेकिन एलएसईजी के आंकड़ों के मुताबिक मार्केट के 2105 करोड़ डॉलर से यह अधिक ही रहा। अमेरिकी डोमेस्टिक सेगमेंट में रेवेन्यू की बात करें तो मार्च तिमाही में एयर कार्गो में उछाल और वॉल्यूम में गिरावट के बावजूद प्रति पीस रेवेन्यू में सुधार के चलते यह 1.4% उछलकर $1446 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान एडजस्टेड प्रॉफिट $1.38 के अनुमान के मुकाबले $1.49 पर पहुंच गया।
यूपीएस का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ के चलते कारोबारी गतिविधियां सुस्त हो गई हैं और इसके चलते मांग में सुस्ती को देखते हुए लागत घटाने की पहल करनी पड़ रही है। पार्सल डिलीवरी फर्मों के लिए बात करें तो सुस्ती के चलते कंपनियों के बीच शिपिंग सेवाओं की जरूरत कम होने की आशंका है। यूपीएस के सीईओ कैरोल टोम (Carol Tome) का कहना है कि इकॉनमी को लेकर इतनी अनिश्चितता है कि पूरे साल के आउटलुक को लेकर कोई अपडेट नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले जनवरी में कंपनी ने इस पूरे साल 2025 में 8900 करोड़ डॉलर के रेवेन्यू और 10.8% के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन का अनुमान जाहिर किया था। अमेरिकी टैरिफ के चलते चीन से जुड़ी ई-कॉमर्स सेलर्स Temu PDD.O और Shein से भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका ने 2 मई से 800 डॉलर तक की चीजों के पार्सल पर भी ड्यूटी लगा दिया जो पहले ड्यूटी-फ्री थीं।