"सफर भले ही अकेला हो, रास्ता अपना होना चाहिए", अनिल अग्रवाल का युवा फाउंडर्स के लिए भावुक संदेश

अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट में बताया कि एक स्टार्टअप के शुरुआती साल ऐसे होते हैं जैसे कोई “प्रेशर कुकर” में जी रहा हो। उन्होंने कहा, "हर दिन आप ऐसे फैसले लेते हैं, जो या तो आपके सपने को आगे बढ़ाते हैं या उसे पीछे खींच देते हैं। यह ऐसा महसूस होता है जैसे आप अंधेरे में कुछ बना रहे हों, या शून्य में चिल्ला रहे हों।"

अपडेटेड May 31, 2025 पर 2:51 PM
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वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal)

नया बिजनेस शुरू करना रोमांचक होता है, लेकिन यह हमेशा आसान नहीं होता। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने हाल ही में उन युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया, जो अपने सपनों को साकार करने की राह पर हैं। इस दौरान उन्होंने एक ऐसी सच्चाई पर बात की, जिसके बारे में अक्सर कोई चेतावनी नहीं देता और वह बिजनेस और इसके साथ आने वाला अकेलापन।

उन्होंने लिखा, "प्रिय युवा फाउंडर्स, आपने जो सफर चुना है कि उसके बारे में क ऐसी बात है जिसके बारे में कोई आपको चेतावनी नहीं देता। यह सफर आपको अकेलापन से भर देती है।"

अनिल अग्रवाल ने बताया कि एक स्टार्टअप के शुरुआती साल ऐसे होते हैं जैसे कोई “प्रेशर कुकर” में जी रहा हो। उन्होंने कहा, "हर दिन आप ऐसे फैसले लेते हैं, जो या तो आपके सपने को आगे बढ़ाते हैं या उसे पीछे खींच देते हैं। यह ऐसा महसूस होता है जैसे आप अंधेरे में कुछ बना रहे हों, या शून्य में चिल्ला रहे हों।"


उन्होंने यह भी लिखा कि आपके आसपास लोग जरूर होंगे, लेकिन अधिकतर लोग आपकी स्थिति को पूरी तरह नहीं समझ पाएंगे। उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए नहीं कि उन्हें परवाह नहीं है, बल्कि इसलिए कि उन्होंने कभी किसी अदृश्य चीज पर यकीन नहीं किया है।"

अनिल अग्रवाल ने आंत्रप्रेन्योरशिप की राह को माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई से भी जोड़ा। उन्होंने लिखा, "माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर भीड़ नहीं होती। आप जितना ऊपर चढ़ते हैं, उतने कम लोग साथ होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप रास्ता भटक गए हैं या कुछ गलत कर रहे हैं। इसका मतलब है कि आपकी यात्रा अनोखी है और इसी वजह से यह एक 'दुर्लभ राह' पर है।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर आप इस चरण में हैं, तो बस चलते रहिए। और जब रात सबसे अकेली लगे, तब कुछ ऐसा ढूंढिए जो आपको घर की याद दिलाए।" अनिल अग्रवाल ने बताया कि उनके लिए वो चीज थी- लंदन के एक ठंडे फ्लैट में उनकी मां की दी हुई शॉल, जिसने उन्हें हिम्मत दी।

अपने संदेश के अंत में उन्होंने लिखा: "हमेशा याद रखो सफर भले ही अकेला हो, रास्ता अपना होना चाहिए…।"

अनिल अग्रवाल के इस प्रेरणादायक पोस्ट ने कई लोगों का दिल छू लिया। एक यूजर ने लिखा, "यह अब तक पढ़ी गई सबसे ईमानदार और सच्ची बातों में से एक है। आपने उन भावनाओं को शब्द दिए हैं जिन्हें कई फाउंडर्स महसूस तो करते हैं लेकिन कह नहीं पाते।" एक अन्य ने लिखा, "अनिल जी, सलाम है आपको। प्रेरणादायक और दिल को छू लेने वाला संदेश।"

एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, "बहुत से उतार-चढ़ाव का अनुभव करने वाले किसी व्यक्ति की खूबसूरत पंक्तियां। ऐसा लगता है कि यह मेरी अपनी कहानी है। मुझे अपने करियर के इस पड़ाव पर इसकी वाकई जरूरत थी! धन्यवाद सर।" एक दूसरे यूजर ने लिखा, "नए भारत के युवाओं को अपने सीखे गए अनुभवों से मार्गदर्शन देने के लिए आपका धन्यवाद सर। टिकाऊ बिजनेस बनाने की आपकी कहानी प्रेरणादायक है।"

अगर आप भी एक नई शुरुआत की सोच रहे हैं या किसी अकेली राह पर चल रहे हैं, तो अनिल अग्रवाल का यह संदेश आपको जरूर हौसला देगा।

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First Published: May 31, 2025 2:51 PM

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