बुधवार यानी 30 जुलाई को रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से कमचटका में 8.8 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया। इसके बाद प्रशांत महासागर में 3 मीटर से ऊंची सुनामी की लहरें उठीं। इस भूकंप को अब तक का छठा सबसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है। नुकसान का सही आंकलन फिलहाल नहीं पता चल पाया है।
दुनिया का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 1960 में चिली में आया था, जिसकी तीव्रता 9.5 मापी गई। इसे ग्रेट चिलियन अर्थक्वेक या वलडीविया भूकंप भी कहा जाता है। इस भूकंप ने ऐसा तबाही मचाई थी कि इसमें 1655 लोगों की मौत हुई और 20 लाख लोग बेघर हो गए थे।
दुनिया का दूसरा और भयानक भूकंप अलास्का में आया था । 9.2 तीव्रताका यह भूकंप ग्रेट अलास्का अर्थक्वेक के नाम से जाना जाता है। इसमें 130 लोगों की मौत और 2.3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। यह भूकंप और सुनामी दोनों ही बेहद विनाशकारी साबित हुए।
साल 2004 में सुमात्रा में आए 9.1 तीव्रता के भूकंप ने दुनिया की सबसे विनाशकारी सुनामी को जन्म दिया। 2.8 लाख से ज्यादा मौतें, लाखों लोग बेघर और भारत समेत कई देशों में तबाही मच गई। इस भूकंप ने लाखों जिंदगी बर्बाद कर दी ।
जापान के टोहोकू में आए 9.1 तीव्रता के भूकंप ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को भी बुरी तरह प्रभावित किया। इसमें 15,000 से ज्यादा लोग मारे गए और देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर भी पड़ा। यह भूकंप काफी खतरनाक माना जाता है।
1952 में कमचटका में आया भूकंप जिसकी तीव्रता 9.0 थी। यह पहला ऐसा भूकंप था जिसे रिकॉर्ड किया गया। इसने हवाई द्वीप तक सुनामी की लहरें भेजीं और लाखों डॉलर का नुकसान हुआ। इसी इलाके में आज का ताजा भूकंप भी दर्ज हुआ है। जिसने सबको हिला कर रख दिया।
बायोबायो क्षेत्र में 2010 में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप में 523 लोगों की मौत और 3.7 लाख घर तबाह हुए। यह चिली का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का छठा सबसे ताकतवर भूकंप था। इस भूकंप ने लोगों को बेघर कर दिया साथ बच्चे सड़कों पर आ गए।
इक्वाडोर और कोलंबिया के तटीय क्षेत्र में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 1500 लोग मारे गए और सुनामी की लहरें सैन फ्रांसिस्को तक पहुंचीं। यह शुरुआती रिकॉर्डेड महाविनाशों में से एक था।
रैट आइलैंड्स, अलास्का में 8.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसमें 35 फीट तक ऊंची लहरों ने समंदर का रुख बदल दिया। इससे कई द्वीपीय इलाकों को भारी नुकसान पहुंचा। कई छोटे गांव डूब भी गए।
भारत के अरुणाचल प्रदेश में 1950 में आया 8.6 तीव्रता का भूकंप, जिसे असम-तिब्बत भूकंप कहा गया। इस भूकंप में 780 मौते, भूस्खलन और धरती पर गहरी दरारें पड़ीं। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप था।
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