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फिर लौटेगी ईस्ट इंडिया कंपनी? Zerodha के नितिन कामत ने जताई यह चिंता

भारतीय इकॉनमी तेजी से आगे बढ़ रही है और इसी के साथ ही कॉरपोरेट कंपनियां विशालकाय होती जा रही हैं। कुछ कंपनियां तो ऐसी हैं जिनका साइज तो कई देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है। हालांकि अब इसे लेकर ही जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) ने चेतावनी दी है कि ये ईस्ट इंडिया कंपनी भी बन सकती हैं। जानिए ऐसा कैसे हो सकता है?

अपडेटेड Aug 27, 2025 पर 2:17 PM
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भारत लंबे समय तक अंग्रेजों के चंगुल में रहा और इसकी शुरुआत व्यापार से हुई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापार के बहाने एंट्री की थी। अब ऐसा ही खतरा जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामत फिर से जता रहे हैं।

भारत लंबे समय तक अंग्रेजों के चंगुल में रहा और इसकी शुरुआत व्यापार से हुई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापार के बहाने एंट्री की थी। अब ऐसा ही खतरा जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामत फिर से जता रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि आज जो ट्रिलियन डॉलर यानी $1 लाख करोड़ से अधिक मार्केट कैप वाली कंपनियां हैं, वह ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह ही बन सकती हैं। इसे लेकर उन्होंने X (पूर्व नाम Twitter) पर एक ट्वीट किया है। इस पर यूजर्स के जबरदस्त रिस्पांस भी आ रहे हैं।

क्या लिखा है Zerodha के Nithin Kamath ने?

जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने अपने पोस्ट की शुरुआत इससे किया है कि उन्हें नहीं पता था कि बर्मा भी कभी भारत का हिस्सा था और पहले उन्हें देश का विभाजन सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की कहानी ही लगती थी। हालांकि फिर उन्होंने इतिहास की एक किताब पढ़ी जिसमें इस बात का पूरा जिक्र है कि ईस्ट इंडिया कंपनी कैसे भारत आई और वह भी सिर्फ भी कारोबार के लिए, और देखते ही देखते ही धनवान हो गई और फिर अधिक पैसे कमाने की चाह में क्रूर बन गई। नितिन कामत ने आगे लिखा है कि जब जब खरबों डॉलर की कम्पनियां उभर रही हैं, तो क्या होगा यदि वे भी गलत मानसिकता के निकल जाएं यानी दुष्ट हो जाएं?


कैसा ही यूजर्स का रिस्पांस?

नितिन कामत का ट्वीट जल्द ही वायरल हो गया। इस पर यूजर्स के ताबड़तोड़ रिस्पांस आ रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि कंपनियां न तो अच्छी होती हैं और न ही बुरी बल्कि वह सिर्फ पैसा बनाने के कारोबार में हैं। एक यूजर ने लिखा है कि 'खरबों डॉलर की कंपनियां दुष्ट हो जाएं' वाला डर एक घिसा-पिटा और सतही बयान है। यूजर ने आगे लिखा है कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो किया, वह ऐसे समय में था, जह वैश्विक तौर पर शक्तियों का असंतुलन था लेकिन आज देश में पहले से ही प्रतिस्पर्धी कानून हैं, निगरानी करने वाली संस्थाएं हैं और सतर्क वैश्विक जनता है।

एक यूजर ने तो एक और किताब नितिन कामत को पढ़ने की सलाह दे दी और कहा कि इसमें यह पढ़कर हैरान रह जाएंगे कि भारत का दुनिया पर कितना प्रभाव था। एक और यूजर ने लिखा है कि ब्रिटिश साम्राज्य बहुत बड़ा था और ईस्ट इंडिया कंपनी का उभार आज के लिए सावधान करने वाली कहानी है।

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