Zerodha फाउंडर्स नितिन और निखिल कामत नहीं थे सामान्य बच्चे, मां रेवती बोलीं- हर दिन था एक चुनौती

रेवती कामत ने पोस्ट में अपने शुरुआती वर्षों को याद किया और अपने परिवार के लिए किए गए गहरे भावनात्मक निवेश के बारे में खुलकर बात की। निखिल कामत, नितिन कामत से 7 साल छोटे हैं। पोस्ट ने इस बात का इशारा कर दिया है कि रेवती की आत्मकथा, घटनाओं की कहानी भर नहीं होगी

अपडेटेड Jun 13, 2025 पर 11:25 PM
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रेवती कामत अपनी आत्मकथा लिख ​​रही हैं।

एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। ऐसा ही शायद ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर्स नितिन और निखिल कामत के साथ भी था। उनकी मां रेवती कामत की फेसबुक पोस्ट से तो ऐसा ही इशारा मिल रहा है। उन्होंने लिखा है कि नितिन और निखिल कामत सामान्य बच्चे नहीं थे। रेवती कामत अपनी आत्मकथा लिख ​​रही हैं। अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने इस बारे में घोषणा की है। आत्मकथा में उनकी लाइफ जर्नी, उसके संघर्ष और कई चीजें सामने आएगी। ऐसे में उनके बेटों की पर्सनल लाइफ के भी कई किस्से उजागर होंगे।

रेवती कामत ने पोस्ट में अपने शुरुआती वर्षों को याद किया और अपने परिवार के लिए किए गए गहरे भावनात्मक निवेश के बारे में खुलकर बात की। उनकी आत्मकथा में यह भी रहेगा कि बेटों का पालन-पोषण करते हुए रेवती कामत ने किन व्यक्तिगत और भावनात्मक चुनौतियों का सामना किया।

'बेटों को पालने में हर दिन एक चुनौती था'


उन्होंने पोस्ट में लिखा है, "शादी के 10 महीने के अंदर, मेरे बेटे नितिन का जन्म हुआ और मेरी जिंदगी पूरी तरह से उसके और परिवार के लिए समर्पित हो गई। फिर 7 साल बाद निखिल का जन्म हुआ। उन्हें पालना बेहद संघर्ष भरा था क्योंकि वे सामान्य बच्चे नहीं थे। हर दिन एक चुनौती था।" उन्होंने आगे कहा, "मेरे बेटों को पता होना चाहिए कि मैं उन्हें क्या खिलाती थी, मैंने उन्हें कैसे पाला और सब कुछ। कृपया सब कुछ जानने के लिए इंतजार करें।"

रेवती कामत की इस पोस्ट ने इस बात का इशारा कर दिया है कि उनकी आत्मकथा, घटनाओं की कहानी भर नहीं होगी, बल्कि उससे भी आगे उनके समर्पण और उनके परिवार की यात्रा के पीछे के अनुभवों का एक भावनात्मक रिकॉर्ड होगी। रेवती की फेसबुक पोस्ट पर दोस्तों, पूर्व सहकर्मियों और शुभचिंतकों के तारीफ भरे रिस्पॉन्स आ रहे हैं। लोग उनकी दृढ़ता, पॉजिटिव एनर्जी और परिवार के प्रति उनके स्थायी प्रेम की सराहना कर रहे हैं।

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नितिन और निखिल ने 2010 में शुरू की थी Zerodha

2010 में शुरू हुई जीरोधा के अब 1.8 करोड़ ग्राहक हैं। इसने खुद को लेंडिंग, एसेट मैनेजमेंट और इंश्योरेंस में डायवर्सिफाई किया है। हाल ही में नितिन कामत ने कहा था कि जीरोधा अपनी ब्रोकरेज दरों में बदलाव किए बिना वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 10,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। Zerodha अगले दशक में एक फुल फ्लेज्ड फाइनेंशियल सर्विसेज समूह में तब्दील होना चाहती है। कंपनी का अभी IPO लाने का कोई प्लान नहीं है।

Ritika Singh

Ritika Singh

First Published: Jun 13, 2025 8:27 PM

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