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Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में 1400 लोगों की मौत, तालिबान ने दुनियाभर से मदद मांगी

Afghanistan Earthquake: रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का झटका महसूस किया गया, जिसमें अब तक 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3,000 से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान सीमा के पास पहाड़ी इलाकों में कई घर और इमारतें ढह गईं, जिससे यह हादसा हाल के दशकों का सबसे घातक भूकंप साबित हुआ है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 02, 2025 पर 6:00 PM
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में 1400 लोगों की मौत, तालिबान ने दुनियाभर से मदद मांगी
अफ़गानिस्तान में हाल ही में आए भीषण भूकंप ने हजारों परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी है।

Afghanistan Earthquake:  अफ़गानिस्तान में हाल ही में आए भीषण भूकंप ने हजारों परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी है। 6.0 तीव्रता वाले इस झटके ने पहाड़ी इलाकों में घरों को मलबे में बदल दिया, जिससे 1,400 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस भयंकर हादसे में तीन हजार से ज्यादा लोगों के घायल होनो की भी खबर है। भूंकप के बाद इलाके के लोग अपने हाथों से मलबा हटाकर अपनों को ढूंढ रहे हैं। सड़कों के टूट जाने से मदद पहुँचना मुश्किल हो गया है। अफगानिस्तान की यह त्रासदी सिर्फ मौत का आंकड़ा नहीं, बल्कि टूटे सपनों और बिखरे हुए घरों की कहानी है।

भूकंप से 1400 लोगों की मौत 

तालिबान प्रशासन के अनुसार, अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का झटका महसूस किया गया, जिसमें अब तक 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3,000 से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान सीमा के पास पहाड़ी इलाकों में कई घर और इमारतें ढह गईं, जिससे यह हादसा हाल के दशकों का सबसे घातक भूकंप साबित हुआ है।

अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, जहां 1400 से ज्यादा लोगों की मौत और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नजदीकी नंगरहार प्रांत में भी दर्जनों लोगों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, जलालाबाद के पास सतह से करीब आठ किलोमीटर नीचे आए इस भूकंप से मिट्टी और पत्थर से बने कई घर पलभर में ढह गए। वहीं, आपदा राहत दल और स्थानीय लोग मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

मलबे में जिंदगियों की तलाश

कुनार प्रांत के आपदा प्रबंधन प्रमुख एहसानुल्लाह एहसान ने बताया कि दूर-दराज के गांवों में अब भी घायल लोग मिल रहे हैं, जिन्हें अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि कई सड़कें टूट गई हैं या बंद पड़ी हैं। ऐसे हालात में ग्रामीण खुद बचाव अभियान में जुट गए हैं और नंगे हाथों से मलबा हटाकर लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। कई परिवार अपने प्रियजनों और बच्चों को मलबे में खो दिया है।

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