China Economy News: पिछले महीने जुलाई में चीन की इकॉनमी सुस्त रफ्तार से बढ़ी। इससे यह संकेत मिल रहा है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी तीसरी तिमाही में अपनी स्पीड खो रही है। जुलाई महीने में चीन की अर्थव्यवस्था लगभग सभी मोर्चे पर कमजोर पड़ी है। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटेस्टिक्स (NBS) ने शुक्रवार को जो आंकड़े जारी किए, उसमें सामने आया कि चीन की फैक्ट्रियों और खदानों में उत्पादन सालाना आधार पर सिर्फ 5.7% की स्पीड से बढ़ी। यह पिछले साल 2024 के नवंबर के बाद से सबसे सुस्त रफ्तार है। जून 2025 में यह रफ्तार 6.8% थी। जुलाई महीने के लिए न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के सर्वे में 6% की ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था।
सरकारी आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जुलाई महीने में खुदरा बिक्री की रफ्तार सुस्त पड़ी। पिछले महीने जुलाई में खुदरा बिक्री 3.7% की रफ्तार से बढ़ी जोकि इस साल सबसे कम रफ्तार है। जून महीने में इसकी रफ्तार 4.8% थी। रियल एस्टेट सेक्टर की गिरावट के चलते फिक्स्ड-एसेट इंवेस्टमेंट का ग्रोथ भी इस साल के सात महीने यानी जनवरी-जुलाई में सालाना आधार पर 1.6% गिर गई। वहीं शहरों में बेरोजगारी दर बढ़कर 5.2% हो गई, जो अनुमान से अधिक खराब है।
लेकिन ये एक पॉजिटिव संकेत भी
20 साल में पहली बार जुलाई महीने में युआन के दबदबे वाला नए लोन की संख्या कम हुई जिससे उधारी और खर्च को लेकर कम उत्साह का संकेत मिला है। हालांकि इकॉनमी को लेकर एक बड़ा पॉजिटिव संकेत ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बावजूद चीन का निर्यात इस साल मजबूत बना रहा। यह स्थिति तो तब है, जब टैरिफ के चलते चीन से अमेरिका को निर्यात घटा है।
एनबीएस का कहना है कि तेजी से बदलते वैश्विक माहौल और बुरी तरह से खराब मौसम के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था ने अपनी ग्रोथ बनाए रखी। एनबीएस के मुताबिक इकॉनमी का मजबूत लचीलापन और जीवंतता बना हुआ है। चीन फिलहाल आगे के प्रोत्साहन उपायों को लेकर 'वेट एंड वॉच' की स्ट्रैटेजी पर है। हालांकि सरकार पहले ही घोषित समर्थन उपायों पर टिके रहने और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त मदद देने का संकेत दिया है।
एनालिस्ट्स का मानना है कि आने वाले महीनों के आर्थिक आंकड़ों के आधार पर चीन अपनी आगे की स्ट्रैटेजी तय करेगा। हालांकि वैश्विक व्यापार, औद्योगिक गतिविधि और कंस्ट्रक्शन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। जुलाई महीने में चीन के कई हिस्सों में भीषण गर्मी, भारी बारिश और बाढ़ के कारण आर्थिक गतिविधियां और धीमी पड़ीं जो आमतौर पर वैसे भी सुस्त महीना माना जाता है।
इकॉनमी को बढ़ाने के लिए क्या कर रही सरकार?
चीन ने कुछ हफ्ते पहले ताबड़तोड़ प्रतिस्पर्धा पर लगाम लगाने के प्रयास तेज कर दिए। सरकार विदेशी मांग पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू उपभोग को बढ़ावा देने के रास्ते भी तलाश रही है। इस हफ्ते सरकार ने कुछ कंज्यूमर लोन पर ब्याज पेमेंट के एक हिस्से पर सब्सिडी देने की योजना का खुलासा किया। इसके अलावा प्रीस्कूल फीस को धीरे-धीरे माफ करने और देश भर के परिवारों को चाइल्डकेयर सब्सिडी देने का भी ऐलान किया।