चीन की सरकार कुछ अमेरिकी आयातों पर अपने 125% टैरिफ को सस्पेंड करने पर विचार कर रही है। ट्रेड वॉर की आर्थिक लागत चीन की कुछ इंडस्ट्रीज पर भारी पड़ रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से कहा गया है कि अधिकारियों ने मेडिकल इक्विपमेंट और ईथेन जैसे कुछ इंडस्ट्रियल केमिकल्स के लिए अतिरिक्त टैरिफ हटाने पर विचार किया है। इसके अलावा अधिकारियों ने एयक्राफ्ट लीजिंग के लिए टैरिफ माफ करने पर भी चर्चा की है।
कई एयरलाइंस की तरह चीनी एयरलाइंस भी अपने सभी प्लेन्स की मालिक नहीं हैं। कुछ एयरलाइंस जेट का इस्तेमाल करने के लिए थर्ड पार्टी कंपनियों को लीजिंग फीस का पेमेंट करती हैं। अतिरिक्त टैरिफ के साथ यह पेमेंट वित्तीय रूप से बेहद ज्यादा नुकसान करा सकता है।
अमेरिका ने भी चीनी आयात पर अपने 145% टैरिफ से इलेक्ट्रॉनिक्स को बाहर रखा है। दुनिया की से दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इतनी गहराई से जुड़ी हैं कि ट्रेड वॉर के बढ़ने के बाद कुछ प्रमुख इंडस्ट्रीज ठप हो गई हैं। अमेरिका, चीन से कहीं ज्यादा आयात करता है।
चीन की कुछ फैक्ट्रियां ईथेन पर निर्भर
चीन दुनिया का सबसे बड़ा प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर है, लेकिन इसकी कुछ फैक्ट्रियां ईथेन पर निर्भर हैं। इसे मुख्य रूप से अमेरिका से आयात किया जाता है। चीन के अस्पताल GE हेल्थकेयर टेक्नोलोजिज इंक जैसी अमेरिकी फर्म्स के बनाए गए मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग और अल्ट्रासाउंड मशीन जैसे एडवांस्ड मेडिकल इक्विपमेंट्स पर निर्भर हैं। चुनिंदा अमेरिकी सामानों को चीन के टैरिफ से छूट मिलेगी या नहीं, इस पर अभी कुछ भी पक्का नहीं है। हो सकता है कि चर्चा आगे ही न बढ़े।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, मामले से परिचित लोगों ने कहा कि कमजोर क्षेत्रों की कंपनियों को अधिकारियों ने उन अमेरिकी सामान के सीमा शुल्क कोड पेश करने को कहा है, जिन पर नए टैरिफ से छूट की जरूरत है। एक व्यक्ति ने कहा कि एक चीनी एयरलाइन को सूचित किया गया है कि फ्री ट्रेड जोन में स्थित एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों को पेमेंट नए टैरिफ के तहत नहीं आएगा।
निवेशक इस बात के संकेत की तलाश कर रहे हैं कि अमेरिका और चीन टैरिफ कम करने के लिए बातचीत करेंगे, लेकिन हालात अभी भी स्थिर दिखाई दे रहे हैं। गुरुवार को, चीनी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से मांग की कि व्यापार को लेकर बातचीत पर सहमत होने से पहले अमेरिका सभी एकतरफा टैरिफ को रद्द कर दे।