Federal Reserve Governor Lisa Cook: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऊपरी अदालत से निचली अदालत के उस फैसले पर तुरंत रोक लगाने का अनुरोध किया है जिसमें फेडरल रिजर्व बोर्ड की गवर्नर लिसा कुक को हटाने पर रोक लगाई गई थी। ट्रंप का यह कदम इस बात का ताजा संकेत है कि प्रशासन इस मामले को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में तेजी से आगे बढ़ाना चाहता है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व पर अपना कंट्रोल बढ़ाने की कोशिशों के तहत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 अगस्त को फेडरल रिजर्व बोर्ड की गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त करने का ऐलान किया था।
हालांकि, इस पर अमेरिकी कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब अमेरिकी न्याय विभाग ने गुरुवार (11 सितंबर) को वाशिंगटन में तीन जजों के एक पैनल से एक तथाकथित स्थगन आदेश जारी करने का अनुरोध किया। इससे संभवतः राष्ट्रपति की अपील पर औपचारिक सुनवाई से पहले ही ट्रंप द्वारा कुक को बर्खास्त करने का फैसला प्रभावी हो जाएगा।
ट्रंप ने लोन धोखाधड़ी के आरोपों को उनकी बर्खास्तगी का प्राथमिक कारण बताया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुक हाल ही में लोन धोखाधड़ी के आरोपों पर ट्रंप प्रशासन की जांच के दायरे में आई थीं। लिसा कुक ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वह राष्ट्रपति के इस्तीफा देने के लिए बढ़ते दबाव के बावजूद सात-सदस्यीय फेडरल बोर्ड से पद नहीं छोडेंगी।
हालांकि, सीनेट डेमोक्रेट्स ने कुक के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने फेडरल रिजर्व बोर्ड में सेवा करने वाली पहली अफ्रीकी अमरीकी महिलाओं में से एक के रूप में इतिहास रचा था। फेडरल रिजर्व के 111 वर्ष के इतिहास में पहली बार एक राष्ट्रपति ने एक केंद्रीय बैंक की गवर्नर को बर्खास्त किया है।
कॉब ने यह भी माना कि डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कुक को बर्खास्त करने का प्रयास करके उन्हें आरोपों को चुनौती देने का कोई सार्थक अवसर नहीं दिया गया था। जज ने कहा कि ट्रंप ने कुक के उचित प्रक्रिया के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन किया है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस कानूनी लड़ाई में डोनाल्ड ट्रंप या लिसा कुक में से किसी का पक्ष नहीं लिया है। उसने कहा है कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करेगा। फिलहाल, मामला अभी कोर्ट में लंबित है।