Donald Trump News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान युद्ध के बीच ईरानियों से राजधानी तेहरान खाली करने का आग्रह किया। ट्रंप ने लोगों से ईरान की राजधानी तेहरान को तुरंत खाली करने की अपील की है। मंगलवार (17 जून) को लगातार पांचवें दिन इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर हमला किया। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने नागरिकों से तेहरान को तुरंत छोड़ने की अपील की। ट्रंप ने अपनी चेतावनी को ईरान द्वारा अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रस्तावित समझौते को स्वीकार करने से इनकार करने से जोड़ा। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही जाने का फैसला किया है।
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि मिडिल ईस्ट के दो बड़े देशों इजरायल और ईरान में तनाव चरम पर पहुंचने की वजह से ट्रंप G7 शिखर सम्मेलन से जल्दी तुरंत लौट रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप आज (सोमवार) रात वॉशिंगटन लौटेंगे, ताकि वे कई महत्वपूर्ण मामलों पर ध्यान दे सकें। ट्रंप की मंगलवार देर रात (स्थानीय समयानुसार) तक कनाडा में रहने की योजना थी। वह रविवार को जी-7 के लिए कनाडा पहुंचे थे।
कनाडा में आयोजित हो रहा G7 (ग्रुप ऑफ सेवन) शिखर सम्मेलन 17 जून को समाप्त हो रहा है। ट्रंप ने तेहरान को धमकी देते हुए अपने ट्रुथ सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, "ईरान को उस सौदे पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए था, जिस पर मैंने उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए कहा था। यह कितनी शर्म की बात है, और मानव जीवन की बर्बादी है।" उन्होंने आगे लिखा, "सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता। मैंने ये बार-बार कहा है! सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!"
'फॉक्स न्यूज' ने बताया कि ट्रंप अमेरिका लौटते ही अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाएंगे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने कहा कि ट्रंप का जल्दी जाना सकारात्मक था, क्योंकि उनका तात्कालिक उद्देश्य इजरायल और ईरान को युद्धविराम के लिए सहमत कराना है। ईरानी मीडिया ने मंगलवार सुबह तेहरान में विस्फोट और भारी हवाई रक्षा गोलाबारी की सूचना दी। इजरायल में आधी रात के बाद तेल अवीव में हवाई हमले के सायरन बजने लगे। ईरानी मिसाइलों द्वारा फिर से इजरायल को निशाना बनाए जाने पर एक विस्फोट की आवाज सुनाई दी।
ईरानी अधिकारियों ने पांच दिनों में 224 लोगों की मौत की सूचना दी, जिनमें से ज्यादातर आम नागरिक थे। जबकि इजरायल ने कहा कि ईरान के हमले में उसके 24 नागरिक मारे गए हैं। इजरायल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने कहा कि ईरानी हमलों से हुए नुकसान के कारण लगभग 3,000 इजरायली लोगों को निकाला गया है।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि तेहरान ने ओमान, कतर और सऊदी अरब से कहा है कि वे ट्रंप से आग्रह करें कि वे इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर तत्काल युद्धविराम के लिए सहमत होने का दबाव डालें। दो ईरानी और तीन क्षेत्रीय स्रोतों के अनुसार, बदले में ईरान परमाणु वार्ता में लचीलापन दिखाएगा।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने X पर कहा, "यदि राष्ट्रपति ट्रंप कूटनीति के बारे में ईमानदार हैं और इस युद्ध को रोकने में रुचि रखते हैं, तो अगले कदम परिणामकारी होंगे। इज़रायल को अपनी आक्रामकता रोकनी चाहिए।" नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि इज़रायल ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से उत्पन्न खतरों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "यदि इसे किसी अन्य तरीके से प्राप्त किया जा सकता है-ठीक है। लेकिन हमने इसे 60 दिनों का मौका दिया है।"