चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 84 प्रतिशत टैरिफ की नई घोषणा से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और आगबबूला हो गए हैं। उन्होंने तुरंत प्रभाव से चीन पर अमेरिकी टैरिफ को 104 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। वहीं चीन के अलावा अन्य देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ में 90 दिन के लिए थोड़ी राहत दी है। कहा है कि इन 90 दिनों के दौरान उन पर 10 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगेगा।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, 'चीन ने विश्व के बाजारों के प्रति जो अनादर दिखाया है, उसके आधार पर मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से चीन पर लगाए जाने वाले टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर रहा हूं, जो कि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। किसी समय, उम्मीद है कि निकट भविष्य में, चीन को एहसास होगा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों को लूटने के दिन अब टिकाऊ या स्वीकार्य नहीं हैं। इसके विपरीत, और इस तथ्य के आधार पर कि 75 से अधिक देशों ने ट्रेड, ट्रेड की बाधाओं, टैरिफ, करेंसी मैनिपुलेशन और नॉन-मॉनेटरी टैरिफ से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के लिए वाणिज्य, ट्रेजरी और USTR विभागों सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधियों को बुलाया है, और इन देशों ने, मेरे मजबूत सुझाव पर, संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ किसी भी तरह, किसी भी आकार या रूप में जवाबी कार्रवाई नहीं की है, मैंने 90 दिन का विराम और इस अवधि के दौरान 10% का काफी कम रेसिप्रोकल टैरिफ, तत्काल प्रभाव से अधिकृत किया है।'
टैरिफ पर चीन और अमेरिका दोनों अड़े
टैरिफ के मामले में चीन और अमेरिका दोनों देशों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। बता दें कि ट्रंप ने 2 अप्रैल को की गई घोषणाओं के तहत चीन पर 34 प्रतिशत का नया रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया। यह इस साल पहले लगाए जा चुके 20 प्रतिशत टैरिफ के अलावा है। इस तरह चीन पर नए अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ का आंकड़ा 54 प्रतिशत हो गया था। इसके बाद जवाबी एक्शन के तहत चीन ने कहा कि वह 10 अप्रैल से अपने यहां आने वाले सभी अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा।
चीन के इस एक्शन पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप ने 7 अप्रैल को धमकी दी कि अगर चीन अपने जवाबी टैरिफ हटाने की घोषणा नहीं करता है तो अमेरिका, 9 अप्रैल से चीन पर और 50 प्रतिशत के नए टैरिफ लगा देगा। इसके लिए ट्रंप ने चीन को एक दिन यानि 8 अप्रैल तक का वक्त दिया था। चीन के पीछे नहीं हटने पर अमेरिका की ओर से चीन पर नए टैरिफ का आंकड़ा 104 प्रतिशत हो गया। लेकिन चीन ने भी हार नहीं मानी और नई घोषणा के तहत कहा कि वह 10 अप्रैल से अमेरिका से आने वाले सभी सामानों पर 34 प्रतिशत के बजाय 84 प्रतिशत का टैरिफ लगाएगा। चीन के इस रवैये ने ट्रंप को और आगबबूला कर दिया है और उन्होंने अब चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है।
भारत पर लगा है 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ
कुछ अन्य देशों की बात करें तो अमेरिका ने भारत से आने वाले सामानों पर 26 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। वहीं बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत और थाइलैंड पर 36 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है। CNBC के मुताबिक, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने स्पष्ट किया है कि बातचीत शुरू होने के चलते चीन को छोड़कर सभी देश 10% बेसलाइन टैरिफ रेट पर वापस आ जाएंगे। लेकिन यह रोक सेक्टर टैरिफ पर लागू नहीं होगी।
अमेरिकी बाजारों में जबरदस्त तेजी
ट्रंप की अन्य देशों को दी गई राहत से अमेरिकी बाजारों में शानदार रैली आई है। Gift Nifty में 500 अंकों की तेजी आई है। CNBC के मुताबिक, कारोबार के दौरान S&P 500 ने 8% की छलांग लगाई। यह 5 वर्षों में एक दिन में सबसे बड़ी बढ़त की ओर आगे बढ़ रहा है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2660 अंक या 6.8% बढ़ा। यह 2020 के बाद से इसका सबसे बड़ा गेन है। नैस्डैक कंपोजिट 9.9% उछला है। एप्पल के शेयरों में 11% और एनवीडिया के शेयरों में 13% से अधिक की तेजी आई। वॉलमार्ट के शेयरों में 9.7% की तेजी आई।
EU भी अमेरिका पर लगाने वाला है जवाबी टैरिफ
कनाडा और चीन के बाद यूरोपियन यूनियन (EU) भी ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ मैदान में उतर गया है। यूनियन ने लगभग 21 अरब यूरो (23.2 अरब डॉलर) के अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगाने को मंजूरी दी है। ट्रंप ने पिछले महीने यूरोपियन यूनियन के देशों की ओर से अमेरिका में होने वाले स्टील और एल्यूमीनियम एक्सपोर्ट्स पर 25 प्रतिशत के टैरिफ की घोषणा की थी। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, बुधवार को यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से ज्यादातर ने अमेरिका के खिलाफ एक्शन के पक्ष में मतदान किया। कुछ टैरिफ अप्रैल के मध्य में प्रभावी होने लगेंगे। ये टैरिफ राजनीतिक रूप से संवेदनशील अमेरिकी राज्यों को टारगेट करेंगे। कवर होने वाली चीजों में लुइसियाना से सोयाबीन के साथ-साथ हीरे, एग्री प्रोडक्ट्स, पॉल्ट्री और मोटरसाइकिल जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, EU के टैरिफ अगले सप्ताह मंगलवार यानि 15 अप्रैल से लागू होने लगेंगे। EU के टैरिफ की एक अन्य लिस्ट मई के मध्य में लागू होगी और तीसरी 1 दिसंबर से शुरू होगी।