टैरिफ के मामले में अमेरिका और चीन के बीच तनातनी शुरू हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले अमेरिका में आयात होने वाली सभी चीनी वस्तुओं पर 34 फीसदी टैरिफ की घोषणा की थी। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर 34 फीसदी टैरिफ लगाया। अमेरिका ने अब चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिय है। इसे आज (9 अप्रैल 2025) से लागू कर दिया गया है। ऐसे में ड्रैगन ने भी तगड़ा पलटवार किया है। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने अमेरिकी टैरिफ पर कहा कि चीन ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। देश किसी भी तरह के नकारात्मक बाहरी प्रभावों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।
बता दें कि ट्रंप ने चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 34 फीसदी का जवाबी टैरिफ लगाने के बाद चेतावनी दी थी। ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन 8 अप्रैल तक अपना 34 फीसदी टैरिफ वापस नहीं लेता है तो अमेरिका उस पर 50 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। चीन ने ट्रंप की धमकी पर झुकने से इनकार कर दिया और अमेरिका से लड़ाई लड़ने की बात कही। इसके बाद व्हाइट हाउस ने चीन पर नए टैरिफ लागू करने का ऐलान कर दिया है।
तीन हिस्सो में बांटा गया टैक्स
अमेरिका ने अब चीन से आने वाले सामान पर कुल 104 फीसदी टैक्स लगा दिया है। इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। सबसे पहले, इस साल की शुरुआत में 20 फीसदी टैक्स लगाया गया था। फिर, 2 अप्रैल को एक 'रिसिप्रोकल टैरिफ' के तहत 34 फीसदी और टैक्स लगाया गया। अब, डोनाल्ड ट्रंप ने 50 फीसदी का नया टैक्स जोड़ दिया है। इन तीन टैक्स को मिलाकर कुल 104 फीसदी टैक्स हो गया है। यह पूरा टैक्स से आयात होने वाले सामान पर लागू हो गया है।
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने इस साल चीन की व्यापक आर्थिक नीतियों में कई अनिश्चितताओं को पूरी तरह से ध्यान में रखा गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजिंग देश की बेहतर और सतत आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के बारे में पूरी तरह से तैयार है। ली कियांग ने अमेरिकी की इस नीति की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे एकतरफा, संरक्षवाद और आर्थिक दबाव बताया है। कुल मिलाकर चीन ने यह संदेश दे दिया है कि वो आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।