Nepal: Gen-Z आंदोलन के बाद नेपाल में घटाई गई वोट डालने की उम्र, अब 16 साल के युवा कर सकेंगे मतदान

Nepal News: नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने घोषणा की है कि हाल ही में जेनरेशन-जेड के विरोध प्रदर्शनों के बाद युवाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए वोट डालने की न्यूनतम उम्र घटाकर 16 कर दी गई है। इससे पहले पड़ोसी देश में मतदान करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 8:07 AM
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Nepal News: युवाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए वोट डालने की न्यूनतम उम्र घटाकर 16 कर दी गई है

Nepal News: Gen-Z आंदोलन के बाद नेपाल में चुनाव के लिए मतदान नियमों में बड़ा बदलाव की घोषणा की गई है। वोट डालने की न्यूनतम आयु 18 से घटाकर 16 साल कर दी गई है। Gen-Z प्रदर्शन के बाद यह बड़ा कदम माना जा रहा है। नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने घोषणा की है कि हाल ही में जेनरेशन-जेड के विरोध प्रदर्शनों के बाद युवाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए वोट डालने की न्यूनतम उम्र घटाकर 16 कर दी गई है। इससे पहले पड़ोसी देश में मतदान करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी।

प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद देश को अपने पहले टेलीविजन संबोधन में पीएम कार्की ने कहा कि यह फैसला युवाओं की अधिक प्रतिनिधित्व की मांग को पूरा करने और 5 मार्च को होने वाले आगामी संसदीय चुनावों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

उन्होंने कहा, "इस मुश्किल स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से जरूरी मैनपावर, बजट, चुनाव सामग्री, सुरक्षा और कानूनी व्यवस्था पर चर्चा करने के बाद 5 मार्च तक निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में आम चुनाव कराने के लिए पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। 18 साल की उम्र वाले युवाओं को वोट देने का अधिकार देने और वोटर लिस्ट बढ़ाने के लिए मौजूदा चुनाव कानून में अध्यादेश के ज़रिए बदलाव किया गया है।"

कार्की ने कहा कि पद संभालने के तुरंत बाद सरकार ने संसद भंग करने और चुनाव की तारीख तय करने की सिफारिश की थी। 12 सितंबर को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने उन्हें शपथ दिलाई थी। उन्होंने राष्ट्रपति से 5 मार्च 2026 को चुनाव कराने की सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री ने देश भर के नागरिकों से खासकर विस्थापित या अलग-थलग पड़े मतदाताओं से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने और युवा मतदाताओं की आकांक्षाओं को ध्यान में रखने वाले प्रतिनिधि चुनने का आग्रह किया।

सुशीला कार्की ने कहा कि सरकार 'जेन जेड' विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों सहित 74 व्यक्तियों की मौत के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने पहले संबोधन में कार्की ने कहा कि सरकार ने आगामी पांच मार्च को संसदीय चुनाव कराने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। 'जेन जेड' उस पीढ़ी को कहा जाता है, जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है।

प्रधानमंत्री कार्की ने देश के सभी वर्गों से कानून व्यवस्था बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सहयोग करने की अपील की कार्की ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार को संविधान संशोधन या शासन प्रणाली में बदलाव करने का जनादेश नहीं है उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर नई संसद ही संवैधानिक प्रक्रिया के तहत निर्णय लेगी।


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संविधान में संशोधन और शासन प्रणाली में बदलाव 'जेन जेड' आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं कार्की ने यह भी कहा कि सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने, सुशासन सुनिश्चित करने और जन अपेक्षाओं के अनुरूप सेवाओं में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है 73 वर्षीय कार्की ने 12 सितंबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला।

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