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Bihar Election 2025: BJP ने बिहार में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को क्यों दी इतनी बड़ी जिम्मेदारी? जानें- चुनाव प्रभारी बनाने के पीछे की वजह

Bihar Election 2025: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त बिहार बीजेपी के सह प्रभारी थे, जब NDA को 243 सीटों में रिकॉर्ड 206 सीटें जीतने में कामयाबी हाथ लगी थी। इसमें धर्मेंद्र प्रधान की बड़ी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता

अपडेटेड Sep 25, 2025 पर 11:10 PM
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बीजेपी ने बिहार चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है

Bihar Assembly Elections 2025: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का प्रभारी नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्री प्रधान का बतौर चुनाव रणनीतिकार लंबा और सफल अनुभव रहा है। इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान अनेक मौके पर बिहार बीजेपी के प्रभारी और सह प्रभारी रह चुके हैं। वह बिहार की राजनीति और सामाजिक समीकरण को बखूबी जानते है।

धर्मेंद्र प्रधान 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त बिहार बीजेपी के सह प्रभारी थे। तब एनडीए को 243 सीटों में रिकॉर्ड 206 सीटें जीतने में कामयाबी हाथ लगी थी। एनडीए को उस बार ऐतिहासिक बहुमत मिला। इसमें धर्मेंद्र प्रधान की बड़ी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र प्रधान बिहार बीजेपी को 40 लोकसभा क्षेत्र में 31 लोकसभा जितने में बड़ी भूमिका निभाई थी। यह बीजेपी का बिहार में अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इसके पहले उत्तराखंड में 2017 बीजेपी की सत्ता में वापसी डबल इंजन की सरकार का माॅडल जनता को भाया था। वहां प्रधान ही प्रभारी थे। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में धर्मेंद्र प्रधान यूपी बीजेपी के प्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे तब बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई थी।

हरियाणा में बीजेपी की ऐतिहासिक तीसरी जीत के सूत्रधार रहे धर्मेंद्र प्रधान की मेहनत लो प्रोफाइल और पृष्ठभूमि में रहने वाले एक खामोश कार्यकर्ता होने के साथ मेहनत रंग लाई। बीजेपी ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है। भगवा पार्टी ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत हासिल की है

2021 में प्रधान को पश्चिम बंगाल की लड़ाई में एक ही काम सौंपा गया था, वह था नंदीग्राम को संभालना.. वह निर्वाचन क्षेत्र जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हार गई थीं। जबकि उनकी पार्टी ने राज्य भर में व्यापक जीत हासिल की थी।


ओडिसा में बीजेपी को मजबूत करने में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों को जोड़ने में उनकी बड़ी भूमिका है। आज बीजेपी की ओड़िसा में सरकार है। प्रधान की सबसे बडी ताकत है उनकी पार्टी और कार्यकर्ताओं से जुडाव...

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वो बीजेपी में इस स्तर तक पहुंचे है एक लंबा सफर तय कर..। तभी तो कार्यकर्ताओं का दर्द समझते भी हैं और बांटते भी हैं। आलाकमान उनकी इस कमीटमेंट को जानता है। इसलिए इस बार भी बिहार में जीत दिलाने का भरोसा धर्मेंद्र प्रधान पर जताया है।

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