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Anti Immigration Protest : 'लड़ो या मर जाओ', ब्रिटेन में बाहरी लोगों के खिलाफ रैली में मस्क डाला आग में घी?

Anti Immigration Protest : बता दें कि शनिवार को सेंट्रल लंदन में 1 लाख से ज़्यादा लोगों ने बड़ा मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में इंग्लैंड और ब्रिटेन के झंडे थे और उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने "यूनाइट द किंगडम" नाम से यह मार्च आयोजित किया था

अपडेटेड Sep 14, 2025 पर 5:29 PM
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टॉमी रॉबिन्सन की रैली को मिला मस्क का समर्थन

Anti Immigration Protest : सेंट्रल लंदन में शनिवार को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रोटेस्ट को 'यूनाइट द किंगडम' नाम दिया गया, जिसे एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने लीड किया। इसे ब्रिटेन की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी रैली माना जा रहा है। वहीं लंदन में हुए एंटी-इमिग्रेशन प्रोटेस्ट का समर्थन कर दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक एलॉन मस्क ने एक नई बहस को छेड़ दिया है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि अपने अधिकारों के लिए उन्हें "लड़ना या मरना" होगा।

एलॉन मस्क ने की थी ये अपील

शनिवार को "यूनाइट द किंगडम" रैली में वर्चुअल संबोधन के दौरान टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क ने कहा, "मेरी अपील ब्रिटिश नागरिकों से है कि वे अपने आस-पास की स्थिति पर ध्यान दें और सोचें कि अगर यही हालात चलते रहे तो आप किस तरह की दुनिया में रहेंगे। यह संदेश उन समझदार लोगों के लिए है जो आमतौर पर राजनीति से दूर रहते हैं और सिर्फ शांतिपूर्वक जीवन जीना चाहते हैं। लेकिन अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो हिंसा आपके दरवाजे तक पहुंच सकती है।" मस्क ने अपनी बात दोहराते हुए कहा, "चाहे आप हिंसा का चुनाव करें या न करें, हिंसा खुद आपके पास पहुँच जाएगी। आपके पास सिर्फ दो रास्ते हैं या तो लड़ो, या फिर मरो।"

वहीं एलॉन मस्क ने वामपंथियों को "हत्या और हिंसा का समर्थन करने वाली पार्टी" बताया। उनके इस बयान की जमकर आलोचना हो रही है। उनकी ये टिप्पणियां उस रैली के दौरान तनाव और बढ़ाने वाली साबित हुईं।

प्रदर्शन में हुआ बवाल


बता दें कि शनिवार को सेंट्रल लंदन में 1 लाख से ज़्यादा लोगों ने बड़ा मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में इंग्लैंड और ब्रिटेन के झंडे थे और उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने "यूनाइट द किंगडम" नाम से यह मार्च आयोजित किया था, जो व्हाइटहॉल तक गया। व्हाइटहॉल वही इलाका है जहां प्रधानमंत्री और कई सरकारी दफ्तर मौजूद हैं। लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि इस मार्च में करीब 1,10,000 लोग शामिल हुए थे।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रही पुलिस को हिंसा का सामना भी करना पड़ा। अधिकारियों पर लात-घूंसे मारे गए और उनके ऊपर बोतलें, फ्लेयर्स और अन्य सामान फेंके गए। इस हिंसक झड़प में 26 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें कई को सिर में चोट और हड्डियां टूटने जैसी गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने 25 लोगों को हिरासत में लिया है। सहायक आयुक्त मैट ट्विस्ट ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा बिल्कुल अस्वीकार्य है।

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