विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति को दोहराया। एस जयशंकर, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के तियानजिन शहर पहुंचे हैं। वांग यी के साथ बातचीत की शुरुआत में उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच "स्थिर और रचनात्मक" संबंध न सिर्फ दोनों देशों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगे।
उन्होंने आगे कहा, "हमारी आज की बातचीत में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी। कल हम SCO के मंच पर मिलेंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से निपटना है। यह हम सभी की साझा चिंता है और भारत चाहता है कि आतंकवाद को लेकर सख्त और साफ रुख कायम रखा जाए।"
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar holds a meeting with the Foreign Minister of China, Wang Yi, in Beijing, China. pic.twitter.com/MIPKs0omKJ
— ANI (@ANI) July 14, 2025
गलवान के बाद पहली बार चीन यात्रा पर एस जयशंकर
बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान में 2020 में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हुए सैन्य तनाव के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा है। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की दिशा में हाल के महीनों में हुई प्रगति की सराहना की। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "बीते नौ महीनों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में कुछ सकारात्मक प्रगति हुई है। यह सीमा पर हालात को बेहतर बनाने और वहाँ शांति बनाए रखने की हमारी कोशिशों का नतीजा है।" उन्होंने यह भी जोर दिया कि सीमा पर स्थिरता और विश्वास ही भारत-चीन संबंधों को मज़बूती देने की बुनियाद है।
दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर जोर
एस जयशंकर ने कहा, "अब जरूरत है कि हम सीमा से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी ध्यान दें और तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ें। हम पहले भी इस बात पर सहमत हुए हैं कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए और कंपटिशन को संघर्ष नहीं बनने देना चाहिए। इसी सोच के साथ हम अपने संबंधों को बेहतर दिशा में आगे ले जा सकते हैं।"
तीन हफ्ते में दूसरी अहम यात्रा
जयशंकर की यह चीन यात्रा कई मायनों में अहम मानी जा रही है। यह दौरा उस समय हो रहा है जब तीन हफ़्ते पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के किंगदाओ शहर गए थे। फिलहाल चीन SCO का अध्यक्ष है और इसी कारण वह इस संगठन की विभिन्न बैठकों की मेज़बानी कर रहा है। जयशंकर की यह यात्रा दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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