CEO Sundar Pichai: गूगल की पैरेंट की कंपनी अल्फाबेट इंक. ने हाल के सालों में बंपर कमाई की है। 2023 की शुरुआत से अब तक कंपनी ने अपने मार्केट वैल्यू में $1 ट्रिलियन से ज्यादा की बढ़ोतरी की हैं और निवेशकों को करीब 120% का रिटर्न दिया है। कंपनी के इस जबरदस्त उछाल ने CEO सुंदर पिचाई को अरबपति बना दिया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, अल्फाबेट के शेयर ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंचने के साथ 53 वर्षीय सुंदर पिचाई की संपत्ति अब $1.1 बिलियन हो गई है। यह किसी ऐसे CEO के लिए एक अनोखी उपलब्धि है, जिसने कंपनी की स्थापना नहीं की हो। बता दें कि टेक इंडस्ट्री में मार्क जुकरबर्ग (मेटा) और जेन्सेन हुआंग (एनवीडिया) जैसे शीर्ष अधिकारी अपनी कंपनियों में संस्थापक के रूप में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी के कारण अरबपति बने हैं।
भले ही सुंदर पिचाई साल 1998 में कंपनी के स्थापना के समय हिस्सा नहीं थे, लेकिन इस महीने वह इसके सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले CEO बन गए हैं। अगस्त में उन्हें यह पद संभाले हुए 10 साल पूरे हो जाएंगे। सुंदर पिचाई की कंपनी में 0.02% आर्थिक हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत लगभग $440 मिलियन है, जबकि उनकी अधिकांश संपत्ति नकदी के रूप में है। उन्होंने पिछले एक दशक में $650 मिलियन से अधिक मूल्य के अल्फाबेट शेयर बेचे हैं।
साधारण पृष्ठभूमि से शिखर तक का सफर
तमिलनाडु के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे पिचाई दो कमरों के अपार्टमेंट में पले-बढ़े। उनके परिवार के पास कार नहीं थी और 12 साल की उम्र में पहली बार उनके घर टेलीफोन आया था। 1993 में जब पिचाई को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन स्कॉलरशिप मिली, तो उनके परिवार ने कैलिफोर्निया की हवाई टिकट खरीदने के लिए उनके पिता की वार्षिक सैलरी ($1,000) से ज्यादा खर्च किए थे।
Google में लंबा सफर और AI पर फोकस
2004 में Google में काम शुरू करने के बाद, पिचाई ने एक दशक से ज्यादा समय तक खूब मेहनत की। उन्होंने क्रोम ब्राउजर को डेवलप करने में मदद की और एंड्रॉइड डिवीजन का नेतृत्व किया, जिसके बाद 2015 में उन्हें सीईओ बनाया गया। उसी साल Google ने खुद को अल्फाबेट की सहायक कंपनी के रूप में पुनर्गठित किया।
अक्टूबर में एक इंटरव्यू में पिचाई ने ब्लूमबर्ग को बताया, 'सीईओ के रूप में मैंने सबसे पहले जो काम किया, उनमें से एक था कंपनी को AI पर केंद्रित करना।' Google ने अपना पहला बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निवेश 2014 में लंदन स्थित स्टार्टअप डीपमाइंड को $400 मिलियन में खरीदकर किया था। पिचाई ने कैपिटल एक्सपेंडिचर में लगातार बढ़ोतरी की है, पिछले साल अकेले AI-से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर लगभग $50 बिलियन खर्च किए।