Iran-Israel War : इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। ईरान और इजराइल की जंग में अब अमेरिका भी कूद चुका है और उसने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट - फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया है। वहीं अमेरिकी हमले के बाद ईरान एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। ईरान की संसद ने हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के जवाब में होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ईरान ने उठाया ये बड़ा कदम
यह जानकारी ईरान की सरकारी प्रेस टीवी ने रविवार को दी। होर्मुज जलडमरूमध्य दुनिया के लिए तेल व्यापार का एक अहम रास्ता है, जहां से करीब 30% वैश्विक पेट्रोलियम शिपमेंट गुजरता है। इसे बंद करने का फैसला पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। हालांकि संसद में इस प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है, लेकिन अंतिम फैसला ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद लेगी, जो देश की सुरक्षा से जुड़े बड़े निर्णय करती है। संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्य मेजर जनरल कोवसारी ने कहा कि यह प्रस्ताव जनता की भावना को दर्शाता है, लेकिन इसे लागू करने से पहले सुरक्षा परिषद की मंज़ूरी जरूरी है।
बता दें कि शनिवार को अमेरिकी एयर स्ट्राइक के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने संकेत दिया था कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। जानकारों का कहना है कि अगर होर्मुज जलडमरूमध्य में जहाजों का आना-जाना बंद हो गया तो दुनिया के साथ ही साथ भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है। ईरान के इस कदम से तेल की सप्लाई में कमी आएगी और महंगाई भी बढ़ सकती है। यह भारत की आर्थिक रफ्तार पर भी असर डाल सकता है।
क्या है होर्मुज जलडमरूमध्य
बता दें कि होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण रास्ता है। दुनियाभर में जितना तेल और एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) सप्लाई होता है, उसका लगभग 30% इसी रास्ते से जाता है। अगर यह रास्ता बंद हो जाता है तो तेल की सप्लाई कम हो जाएगी और कीमतें बढ़ जाएंगी।