Nepal protests: नेपाल में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच राजधानी काठमांडू स्थित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (TIA) को बिगड़ते हालात और आसपास के इलाकों में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अभूतपूर्व परिस्थितियों और सुरक्षा चिंताओं के कारण मंगलवार (9 सितंबर) को त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। नेपाल में इस वक्त हालात बेहद खराब हो गए हैं। प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने देश में जारी सरकार विरोधी जबर्दस्त प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक काठमांडू जाने वाली इंडिगो की दो उड़ानें दिल्ली से 6E1153 और मुंबई से 6E1157 त्रिभुवन एयरपोर्ट के रास्ते में थीं। लेकिन उन्हें उतरने की अनुमति नहीं मिली, जिसके कारण उन्हें लखनऊ की ओर मोड़ना पड़ा। ईंधन भरने के बाद दोनों उड़ानें अपने मूल शहरों को लौट जाएंगी, क्योंकि आज काठमांडू के लिए उड़ान संचालन नहीं है।
ओली ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकार विरोधी नारे लगाते हुए उनके कार्यालय में घुसने के कुछ ही देर बाद पद छोड़ दिया। ओली के इस्तीफे से कुछ घंटे पहले प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की मौतों की जवाबदेही की मांग करते हुए बालकोट स्थित नेपाली नेता के निजी आवास में आग लगा दी थी। सोशल मीडिया साइट पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 19 लोग मारे गए थे। विरोध प्रदर्शनों के बाद, सरकार ने सोशल मीडिया साइट से प्रतिबंध सोमवार 8 सितंबर की रात हटा लिया।
नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की और कई नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की। 'जेन ज़ी' के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में 'केपी चोर, देश छोड़ो' और 'भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो' जैसे नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास को आग लगा दी। ओली फिलहाल बालुवतार स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी।
इससे ठीक एक दिन पहले सोमवार को सोशल मीडिया साइटों पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पुलिस की कार्रवाई में सोमवार को 19 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक अन्य घायल हो गए थे।
काठमांडू के कलंकी, कालीमाटी, तहाचल और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के च्यासल, चापागौ और थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें आईं। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए 'छात्रों को मत मारो' जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी युवकों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी स्थित संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर भी पथराव किया। गुरुंग ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के खुमलतार स्थित पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड के आवास पर तोड़फोड़ की। उन्होंने काठमांडू के बूढ़ानीलकंठ में पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर के सामने भी प्रदर्शन किया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले कुछ समय से अभियान चला रहे 'जेन-जी' ग्रुप ने रेडिट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मंत्रियों और अन्य प्रभावशाली हस्तियों के बच्चों की फिजूलखर्ची भरी जीवनशैली को उजागर करने के लिए किया है। उन्होंने वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करके उन धन-संपत्ति के स्रोतों पर सवाल उठाए हैं जिनसे कथित तौर पर भ्रष्ट तरीकों से धन प्राप्त होता है।