Nepal Protest: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा, संसद भवन में लगाई आग

Nepal PM KP OLI Resigns: सोशल मीडिया पर बैन और करप्शन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर धावा बोलकर आग लगा दी। प्रदर्शनकारी युवा नेपाली राष्‍ट्रपति के निजी आवास के अंदर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री केपी ओली के ऑफिस और घर पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के संसद भवन में आग लगा दी है

अपडेटेड Sep 09, 2025 पर 2:48 PM
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नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होने के बीच प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है

Nepal Gen Z Protests: नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होने के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पड़ोसी देश नेपाल में हालात बेहद खराब हो गए हैं। नेपाल में जारी प्रदर्शन की आग अब राजनीतिक नेताओं के घरों तक पहुंच गई है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर धावा बोल दिया है। प्रदर्शनकारी युवा नेपाली राष्‍ट्रपति के निजी आवास के अंदर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री केपी ओली के ऑफिस और घर पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के संसद भवन में आग लगा दी है।

इससे पहले, प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के घर में तोड़फोड़ की। साथ ही नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा के परिसर में कई वाहनों को आग लगा दी। राजधानी काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद छात्रों के नेतृत्व में जारी प्रदर्शन और अधिक उग्र हो गए हैं।

हालात बेकाबू


प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि केवल गृहमंत्री के इस्तीफे से बात नहीं बनेगी, प्रधानमंत्री ओली को भी जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ना चाहिए। सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के विरोध में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया था। इस कार्रवाई में 19 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक घायल हो गए थे।

इस बीच, प्रमुख ऑनलाइन समाचार पोर्टल ने सोमवार को काठमांडू में हुई पुलिस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। इसे नेपाल के हालिया इतिहास के सबसे घातक दिनों में से एक बताया है। लोकप्रिय न्यूज पोर्टल उकेरा डॉट कॉम ने आठ सितंबर को 'काला दिन' बताते हुए लिखा कि 'नेपाल के इतिहास में एक ही दिन में सबसे अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हुई।'

एक अन्य समाचार पोर्टल रातोपाटी ने सरकार पर छात्रों और युवाओं पर अंधाधुंध गोलीबारी का आरोप लगाते हुए इस कायराना कार्रवाई को अत्यंत निंदनीय बताया। रातोपाटी ने लिखा कि युवाओं का यह आंदोलन राजनीतिक नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, बेरोजगारी और सामाजिक अव्यवस्था के खिलाफ हताशा से प्रेरित है।

नेताओं के घरों को किया आग के हवाले

नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की और कई नेताओं के आवासों में तोड़फोड़ की। 'जेन जी' के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में 'केपी चोर, देश छोड़ो' और 'भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो' जैसे नारे लगाए।

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प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास को आग लगा दी। ओली फिलहाल बालुवतार स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के नायकाप में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी।

इससे ठीक एक दिन पहले सोमवार को सोशल मीडिया साइटों पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पुलिस की कार्रवाई में सोमवार को 19 लोगों की मौत हो गयी थी और 300 से अधिक अन्य घायल हो गए थे।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Sep 09, 2025 2:18 PM

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